पटना: कोरोना संकट के बीच होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बहुत कुछ बदला है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चुनाव आयोग ने खास तैयारियों के साथ गाइडलाइंस जारी की है. चुनाव प्रचार का तरीका भी बदल चुका है. डिजिटल और वर्चुअल रैली पर जोर दिया जा रहा है. सोशल मीडिया के जरिए नेता अपनी बातों को जनता तक पहुंचा रहे हैं. खास बात यह है कि बिहार में चुनावी रैलियों के लिए हेलिकॉप्टर्स और प्राइवेट की डिमांड घट गई है. इसके चलते हेलिकॉप्टर्स और प्राइवेट जेट ऑपरेटर्स चिंतित हैं.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संकट में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव में पहले की तुलना में 50 फीसदी ही बुकिंग्स होने का अंदेशा है. कई ऑपरेटर्स के मुताबिक चुनाव के एक महीने पहले से उनके हेलिकॉप्टर्स और प्राइवेट जेट बुक हो जाते हैं. इस बार ऐसा कुछ नहीं देखने को मिल रहा है. कोरोना संकट नहीं होने पर हालात अलग होते. अभी तक कई ऑपरेटर्स को एक बुकिंग तक नहीं मिली है. कोरोना वायरस के संकट ने कॉमर्शियल सिविल एविएशन सेक्टर पर बहुत ही बुरा असर डाला है.
इंडस्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो चुनाव के दौरान एक दिन में कई जगह रैलियों के लिए हाई-प्रोफाइल नेता हेलिकॉप्टर्स का इस्तेमाल करते हैं. कुछ सालों से चुनाव प्रचार के दौरान प्राइवेट जेट का इस्तेमाल भी बढ़ा है. हालांकि, इस बार के बिहार चुनाव में कोरोना संकट की वजह से हेलिकॉप्टर्स और प्राइवेट जेट की मांग पहले जितनी नहीं है. बताते चलें बिहार में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होगा. 28 अक्टूबर को पहले चरण, 3 नवबंर दूसरे और 7 नवंबर को तीसरे चरण की वोटिंग होगी. 10 नवंबर को रिजल्ट निकलेंगे.