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बिहार चुनाव 2020: 20 साल बाद पप्पू यादव एक बार फिर विधानसभा के मैदान में ठोकेंगे ताल, मधेपुरा सीट पर रोचक हुआ चुनाव

मधेपुरा के सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र से अपनी राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव लंबे अरसे के बाद एक बार फिर विधायक बनने के लिए मैदान में हैं. पप्पू यादव ने सिंहेश्वर विधानसभा से अपना राजनीतिक सफर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर शुरू किया. सपा व राजद में रहने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और फिर साल 2015 में जन अधिकार पार्टी बनायी. जन अधिकार पार्टी के टिकट पर पप्पू यादव ने 2019 का लोकसभा चुनाव मधेपुरा से लड़ा पर हार गये. एक बार फिर मधेपुरा सीट से बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मैदान में उतरे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2020 10:24 AM
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मधेपुरा के सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र से अपनी राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव लंबे अरसे के बाद एक बार फिर विधायक बनने के लिए मैदान में हैं. पप्पू यादव ने सिंहेश्वर विधानसभा से अपना राजनीतिक सफर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर शुरू किया. सपा व राजद में रहने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और फिर साल 2015 में जन अधिकार पार्टी बनायी. जन अधिकार पार्टी के टिकट पर पप्पू यादव ने 2019 का लोकसभा चुनाव मधेपुरा से लड़ा पर हार गये. एक बार फिर मधेपुरा सीट से बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर मैदान में उतरे हैं.

जाप सुप्रीमो ने मधेपुरा विधानसभा सीट से अपना पर्चा दाखिल किया

बिहार चुनाव 2020 के लिए जाप सुप्रीमो ने मधेपुरा विधानसभा सीट से अपना पर्चा दाखिल किया. नामांकन में वह नहीं पहुंचे थे. अपने प्रस्तावक डॉ अशोक कुमार व अन्य के माध्यम से उन्होंने नामांकन पत्र निर्वाची पदाधिकारी के पास जमा किया है. पीएमसीएम के अधीक्षक के पास उन्होंने शपथ ली और स्वास्थ्य कारणों के आधार पर आरओ कार्यालय नहीं पहुंचने का छूट प्राप्त किया. मधेपुरा विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारी सह सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार ने नामांकन प्रपत्र प्राप्त किया.

पहली बार 1990 में निर्दलीय प्रत्याशी बन जीते थे पप्पू यादव 

पप्पू यादव पहली बार 1990 में जिले की सिंहेश्वर विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूम में चुनाव मैदान में उतरे थे. इसमें जनता दल के सियाराम यादव को पराजित कर पप्पू यादव विजयी हुए थे. हालांकि उसके बाद मधेपुरा और पूर्णिया से सांसद भी रहे. 1991 उन्होंने पूर्णिया निर्वाचन क्षेत्र से 10वीं लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 1996 में उन्हें पूर्णिया से सपा उम्मीदवार के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना गया, जहां उन्होंने भाजपा के राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को 3,16,155 मतों के अंतर से हराया. वे 1998 के चुनावों में बीजेपी के जय कृष्ण मंडल से हार गये थे.

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स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पूर्णिया से 13वीं लोकसभा के लिए चुने गए 

1999 उन्हें एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पूर्णिया से 13वीं लोकसभा के लिए चुना गया, जहां उन्होंने अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी जय कृष्ण मंडल को 2,52,566 मतों के अंतर से हराया. 2004 मधेपुरा से राजद उम्मीदवार के रूप में आगामी उप-चुनावों में उन्हें फिर से चुना गया, जहां उन्होंने जदयू के राजेंद्र प्रसाद यादव को बड़े अंतर से हराया. वे 16वीं लोकसभा मधेपुरा से चुने गये, जहां उन्होंने जेडीयू के शरद यादव को 56,209 मतों के अंतर से हराया.

2015 में उन्होंने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी बनायी

2015 में उन्होंने अपनी पार्टी जन अधिकार पार्टी बनायी, लेकिन कोई भी सीट जीतने में नाकाम रहे. वर्तमान में मधेपुरा से राजद के प्रो चंद्रशेखर विधायक हैं. इस बार भी वह राजद के टिकट पर मैदान में हैं. इसके अलावा जदयू से निखिल मंडल व लोजपा से साकार यादव ने नामांकन किया है. पप्पू के आने के बाद इस सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है.

चर्चाओं पर लगा विराम

मधेपुरा व पूर्णिया विधानसभा सीट के अलावा कुछ और सीटों के नाम की चर्चा थी कि पप्पू यादव चुनाव लड़ेंगे. मंगलवार को इन चर्चाओं पर विराम लग गया. उनकी पत्नी रंजीत रंजन भी सुपौल से सांसद रह चुकी हैं और कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हैं.

Posted by : Thakur Shaktilochan

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