Loading election data...

Bihar Election 2020: सुपौल के पांच सीटों में 4 पर जदयू और भाजपा का कब्जा, लेकिन इस बार इन कारणों से होगी कांटे की टक्कर…

अमरेंद्र कुमार अमर, सुपौल: सुपौल जिले में भी राजनीतिक तापमान तेज होने लगा है. जिले में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं, जिनमें फिलहाल तीन सीटें सुपौल, त्रिवेणीगंज एवं निर्मली पर जदयू का कब्जा है, जबकि पिपरा विधानसभा सीट पर राजद व छातापुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक हैं. राजनीति के दिग्गजों की मानें तो इस चुनाव में जिले की पांचों सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा.हालांकि, बीते विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार इन विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक समीकरण बदला-बदला सा है. 2015 के चुनाव में जहां जदयू और भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, इस बार एनडीए के तहत दोनों प्रमुख दल साथ हैं, जबकि राजद के साथ महागठबंधन में कांग्रेस प्रमुख रूप से शामिल हैं. यही वजह है कि इस चुनाव में जिले के तकरीबन सभी सीटों पर एनडीए व महागठबंधन उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 22, 2020 9:33 AM
an image

अमरेंद्र कुमार अमर, सुपौल: सुपौल जिले में भी राजनीतिक तापमान तेज होने लगा है. जिले में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं, जिनमें फिलहाल तीन सीटें सुपौल, त्रिवेणीगंज एवं निर्मली पर जदयू का कब्जा है, जबकि पिपरा विधानसभा सीट पर राजद व छातापुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक हैं. राजनीति के दिग्गजों की मानें तो इस चुनाव में जिले की पांचों सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होगा.हालांकि, बीते विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार इन विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक समीकरण बदला-बदला सा है. 2015 के चुनाव में जहां जदयू और भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, इस बार एनडीए के तहत दोनों प्रमुख दल साथ हैं, जबकि राजद के साथ महागठबंधन में कांग्रेस प्रमुख रूप से शामिल हैं. यही वजह है कि इस चुनाव में जिले के तकरीबन सभी सीटों पर एनडीए व महागठबंधन उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.

जदयू व भाजपा के साथ आ जाने के बाद प्रत्याशियों व दावेदारों की संख्या भी बढ़ी

हालांकि, एनडीए के दोनों प्रमुख दल जदयू व भाजपा के साथ आ जाने के बाद प्रत्याशियों व दावेदारों की संख्या भी बढ़ गयी है. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में त्रिवेणीगंज की जदयू प्रत्याशी सर्वाधिक 52 हजार400 मतों से विजयी रही थीं. उन्होंने लोजपा के अनंत कुमार भारती को पराजित किया था. सुपौल सीट पर सूबे के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने सातवीं बार विजयी दर्ज की थी. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी किशोर कुमार को 37 हजार 397 मतों से पराजित किया था. निर्मली विधानसभा क्षेत्र में तब जदयू के अनिरुद्ध प्रसाद यादव विजयी रहे थे. उन्होंने भाजपा के राम कुमार राय को 20 हजार 958 मतों से पराजित किया था. पिपरा विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल के यदुवंश कुमार यादव ने भाजपा के विश्वमोहन कुमार को 36 हजार 369 मतों से हरा कर जीत दर्ज की थी, जबकि छातापुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी नीरज कुमार सिंह ने कांटे की टक्कर में राजद के जहूर आलम को 09 हजार 292 मतों से हराया था.

सुपौल : लगातार 30 वर्षों से सुपौल के विधायक हैं बिजेंद्र

सुपौल विधानसभा सीट इस बार जदयू व एनडीए के लिए प्रतिष्ठा की सीट साबित होगी. बिहार सरकार के उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव इस बार लगातार आठवीं बार विरोधियों को चुनौती देंगे. गौरतलब है कि जदयू के कद्दावर नेता श्री यादव लगातार 30 वर्षों से इस क्षेत्र के विधायक हैं. सुपौल विधानसभा सीट से पूर्व के चुनावों में सात बार कांग्रेस विजयी रही थी.

Also Read: Bihar Election 2020: वोटरों को लुभाने के लिए भावी उम्मीदवार तैयार करवा रहे चुनावी गीत, जानें किन गीतों की है डिमांड…
निर्मली : जदयू के अनिरुद्ध ने भाजपा प्रत्याशी को किया था पराजित

निर्मली विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान जदयू विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव बीते चार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं. गत चुनाव में उन्होंने भाजपा के राम कुमार राय को पराजित किया था. इस चुनाव में श्री यादव को 79हजार 600 मत प्राप्त हुए थे, जबकि श्री राय को 55 हजार 649 वोट मिले थे. जदयू विधायक श्री यादव की उम्मीदवारी इस चुनाव में भी तय मानी जा रही है. महागठबंधन प्रत्याशी के नाम की घोषणा अब तक नहीं हुई है. हालांकि ,यहां कांग्रेस के कई नेता भी इस सीट को कांग्रेस कोटे में देने की मांग कर रहे हैं.

छातापुर : लगातार चौथी बार जीते भाजपा के नीरज कुमार सिंह बबलू

छातापुर के भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू वर्ष 2005 से लगातार विधायक हैं. वे इससे पूर्व चार चुनाव जीत चुके हैं. बीते चुनाव में उन्होंने कांटे की टक्कर में राजद प्रत्याशी जहूर आलम को पराजित किया था.श्री सिंह को 75 हजार 697 एवं राजद प्रत्याशी को 64 हजार 405 मत प्राप्त हुए थे. छातापुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार का चुनाव भी संघर्षपूर्ण माना जा रहा है. राजद की ओर से कई दावेदार टिकट के लिए अभी से प्रयास में जुटे हुए हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस सीट पर वर्तमान समीकरण के हिसाब से राजद प्रत्याशी का चयन महत्वपूर्ण होगा. कुल मिला कर छातापुर का यह चुनाव भी महागठबंधन और एनडीए के बीच तगड़ा टक्कर होने की संभावना जतायी जा रही है.

पिपरा : यदुवंश ने फहराया था राजद का झंडा

पिपरा विधानसभा क्षेत्र में बीते चुनाव में राजद के यदुवंश कुमार यादव ने भाजपा के विश्वमोहन कुमार को करीब 36 हजार मतों से हराया था. श्री यादव को 85 हजार 944 मत प्राप्त हुए थे. वहीं , भाजपा प्रत्याशी श्री कुमार को 49 हजार 575 वोट मिले थे. हालांकि, आगामी विधानसभा चुनाव में पिपरा विधानसभा सीट भाजपा या जदयू के खाते में जाती है, इसे लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. एनडीए के कोटे व प्रत्याशी के नाम की घोषणा के बाद चुनाव में इस सीट पर होने वाले संघर्ष की तस्वीर खुल कर सामने आने लगेगी. फिलहाल राजद की ओर से यहां सीटिंग विधायक प्रत्याशी माने जा रहे हैं. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में इस बार उनके द्वारा सीट बदलने की चर्चा भी हो रही है.

त्रिवेणीगंज : सर्वाधिक अंतर से विजयी रही थी जदयू की वीणा भारती

जिले का त्रिवेणीगंज विधानसभा सीट अनुसूचित जाति आरक्षित सीट में शामिल है. वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जदयू की वीणा भारती विजयी रही थी. उन्होंने लोजपा के अनंत कुमार भारती को करीब 52 हजार मतों से पराजित किया था. श्रीमती भारती को 89 हजार 869 तथा लोजपा प्रत्याशी को 37 हजार 469 मत प्राप्त हुए थे. इस बार समीकरण बदल चुका है. भाजपा, जदयू व लोजपा साथ चुनाव लड़ रही है. ऐसे में इस सीट पर महागठबंधन प्रत्याशी से वर्तमान विधायक का टक्कर होना तय है.

सुपौल विस सीट के अब तक के विधायक

1951 : लहटन चौधरी,कांग्रेस

1957 : परमेश्वर कुंवर, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी

1958 : लहटन चौधरी, कांग्रेस

1962 : परमेश्वर कुंवर, प्रशोपा

1967 : उमा शंकर सिंह, कांग्रेस

1969 : उमा शंकर सिंह, कांग्रेस

1972 : उमा शंकर सिंह, कांग्रेस

1977 : अमरेंद्र प्रसाद सिंह, जनता पार्टी

1980 : उमा शंकर सिंह, कांग्रेस

1985 : प्रमोद कुमार सिंह, कांग्रेस

1990 से अब तक : बिजेंद्र प्रसाद यादव

Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Exit mobile version