पटना : दिनारा विधानसभा से जदयू के प्रत्याशी और राज्य सरकार में मंत्री जय कुमार सिंह को इस चुनाव में त्रिकोणीय चुनौती का सामना करना होगा. उनके खिलाफ चुनाव मैदान में लोजपा ने राजेंद्र सिंह और महागठबंधन ने राजद से विजय मंडल को उतारा है. 2015 के दिनारा विधानसभा चुनाव में जय कुमार सिंह जदयू के प्रत्याशी थे और उनका मुख्य मुकाबला तत्कालीन भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह से हुआ था.
उस दौरान राजेंद्र सिंह 2691 वोट से चुनाव हार गये थे. इस बार एनडीए के समझौते के तहत दिनारा सीट जदयू के खाते में जाने के कारण राजेंद्र सिंह भाजपा छोड़ लोजपा में शामिल हो गये और पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बना दिया.
सूत्रों का कहना है कि लोजपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह पिछले करीब 37 साल से भाजपा के साथ थे. उन्होंने दिनारा विधानसभा क्षेत्र में अपनी जमीन बनायी है. इसलिए वे जदयू के प्रत्याशी जय कुमार सिंह को कड़ी टक्कर दे सकते हैं.
2010 में जब जदयू और भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तो दिनारा में जय कुमार सिंह ने राजद की प्रत्याशी सीता सुंदरी देवी को करीब 16 हजार 610 वोटों से हराया था.
इससे पहले 2005 के दिनारा विधानसभा चुनाव में सीता सुंदरी देवी बसपा के टिकट पर चुनाव जीती थीं. उन्होंने जदयू के प्रत्याशी रामधनी सिंह को 884 वोटों से हराया था. रामधनी सिंह ने 2000 का दिनारा विधानसभा चुनाव राजद के सरोज गुप्ता को 11 हजार 78 मतों से हराकर जीता था.दिनारा विधानसभा के पिछले चार चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि वहां के मतदाताओं ने केवल दो ही प्रत्याशियों को महत्व दिया.
ऐसे में अन्य सभी प्रत्याशियों के जमानत तक जब्त हो गये. दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2000 के चुनाव में दिनारा विधानसभा क्षेत्र से कुल 17 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा इसमें से 15 के जमानत जब्त हो गये. वहीं 2005 के चुनाव में कुल नौ प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा इसमें से सात के जमानत जब्त हो गये.
2010 के चुनाव में 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. इसमें से 15 के जमानत जब्त हो गये जबकि 2015 के चुनाव में भी 17 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, इसमें से 15 के जमानत जब्त हो गये.
Posted by Ashish Jha