कोरोना काल के बाद बिहार के तेज गति से विकास के लिए ऐसे सक्षम व दूरदर्शी नेतृत्व की जरूरत है, जिसके पास इसका अनुभव है. बिहार को इस समय एक्सपीरिएंस की जरूरत है, एक्सपेरिमेंट की नहीं. राज्य सरकार में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने चुनाव को लेकर प्रभात खबर से अपनी बातें साझा की.
इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बिहार को एक विकसित राज्य बनाना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दृढ़निश्चय व परिश्रम से बिहार में कानून का राज स्थापित किया है और विकास के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे को पूरी तरह दुरुस्त किया है. नीतीश कुमार के कार्यकाल में राष्ट्रीय औसत से ज्यादा तेज गति से विकास करते हुए बिहार 2020 में टेक ऑफ फेज में पहुंच गया है. यह टेक ऑफ फेज बिहार को एक विकसित राज्य बनाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है. मुद्दा इस विकास को और गति तथा मजबूती देने का है. बिहार के मतदाता जानते हैं कि संकट से उबरने के लिए एक्सपीरिएंस की जरूरत होती है, एक्सपेरिमेंट की नहीं.
लोग अभी भूले नहीं हैं कि उनके 15 साल के कुशासन में नौकरी मिलने व सैलरी पाने की कितनी दयनीय स्थिति थी. कई बार पर्व-त्योहारों पर भी सरकारी कर्मियों को अपने बच्चों को नये कपड़े देने के लिए भी पैसे नसीब नहीं होते थे. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि उन्होंने अपने खोखले वादे का कोई रोडमैप भी नहीं दिया है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने निश्चय किया है कि जनकल्याण की सभी योजनाओं को जारी रखते हुए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन व कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना पर फोकस करेंगे. साथ में एक अलग विभाग बना कर स्किल डेवलपमेंट व अन्य योजनाओं के जरिये अगले पांच साल में राज्य के सभी दो करोड़ परिवारों के कम-से-कम एक व्यक्ति को यानी दो करोड़ लोगों को सक्षम व आत्मनिर्भर बनायेंगे. बिहार की जनता जानती है कि नीतीश कुमार जो कहते हैं, वह करते हैं.
सात निश्चय 2 का पहला निश्चय है. युवा शक्ति बिहार की प्रगति. इसके तहत मुख्यमंत्री ने निश्चय किया है कि अगले पांच वर्षों में कम-से-कम दो करोड़ लोगों को यानी हर परिवार के एक व्यक्ति को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष योजनाएं चलायी जायेंगी. इसके लिए गांव-गांव में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा किए जायेंगे.
पूरे बिहार में एग्रो बेस्ट इंडस्ट्री की स्थापना की जायेगी और सभी जिले में युवाओं के स्किल डेवलपमेंट की व्यवस्था की जायेगी. सात निश्चय 2 के तहत कौशल और उद्यमिता विकास के लिए अगल से विभाग बना कर अभियान चलाया जायेगा. हर जिले में मेगा स्किल सेंटर बनेगा, जहां से उद्यमिता विकास के इच्छुक लोगों को आसानी से अनुदान और लोन मिल सकेगा. हर प्रमंडल में टूल रूम बनाया जायेगा, जहां हमारे युवा आधुनिक तकनीक और मशीनों का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे.
Posted By : Sumit Kumar Verma