Bihar Election 2020: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से तालमेल के बाद जहां वाम दलों की ताकत बढ़ी है, वहीं जैसे-जैसे मतदान का समय नजदीक आ रहा है चुनावी मंच पर वाम दलों की एकता अलग-थलग दिख रही है. महागठबंधन (Maha gathbandhan) में वाम दलों में माले को सबसे अधिक 19 सीटें, भाकपा को छह व माकपा (Left Parties) को चार सीटें दी गयी हैं. भाकपा- माले सिर्फ राजद नेताओं के साथ मंच साझा कर रहा है. अभी तक एक भी कार्यक्रम ऐसा नहीं हुआ, जिसमें तीनों वाम दलों के नेता एक साथ चुनाव-प्रचार में शामिल हुए हों.
जेएनयू की छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष माकपा उम्मीदवारों के लिए बिहार में प्रचार को आयी हैं. शनिवार की शाम दिल्ली वापस चली जायेंगी, लेकिन गुरुवार को आइशी घोष को पालीगंज में भाकपा-माले सुमन सौरभ के चुनाव प्रचार के लिए जाना था. सभी तैयारियां हो गयी थीं. वह इंतजार करती रह गयीं, पर उन्हें कोई बुलावा नहीं आया.
उनके पालीगंज जाने को लेकर एक दिन पहले जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष बालाजी के साथ बातें हो गयी थीं और बालाजी अभी वहीं हैं. इसके बावजूद कार्यक्रम नहीं बन पाया.इसके बाद शुक्रवार को वह पिपरा में आयोजित कार्यक्रम में चली गयीं.
भाकपा नेता व जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार 27 को विभूतिपुर में अजय कुमार और 29 को पिपरा में राज मंगल प्रसाद व मांझी में डॉ सत्येंद्र यादव के लिए वोट मांगेंगे. वहीं, माकपा के नेता भी भाकपा के कार्यक्रम में जा रहे हैं, लेकिन माले ने इन दोनों वाम दलों से किनारा कर लिया है. दूसरी ओर, अब तक भाकपा नेता कन्हैया कुमार को माले ने कहीं भी नामांकन या प्रचार सभा में आने का कोई आमंत्रण नहीं भेजा है.
मधुबनी में भाकपा के प्रभारी राज्य सचिव रामनरेश पांडे के नामांकन में माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, भाकपा नेता कन्हैया कुमार सहित दोनों वाम दलों के नेता मौजूद थे, लेकिन माले से कोई नेता नामांकन या प्रचार में अब तक नहीं गया है.
वाम नेताओं के मुताबिक काे-ऑर्डिनेशन कमेटी की हर दिन बैठक होती है, जिसमें यह बोला जाता है कि जिस नेता को बुलाना है जिनको वह ले जा सकते हैं, पर ऐसा हो नहीं है. कन्हैया को राजद और माले की ओर से अभी तक बुलाया नहीं गया है. आगे भी बुलाने पर कोई विचार नहीं किया गया है.
वामपंथी नेता-कार्यकर्ता सभी एक-दूसरे के लिए समर्पित हैं. पालीगंज में आइशी घोष नहीं पहुंच पायीं. इसमें कार्यक्रम स्वीकृति का मामला रहा है. जहां तक कन्हैया का मामला है. वह हमारे साथ और हम उनके साथ हैं. कुणाल, राज्य सचिव, माले.
Posted By: Utpal kant