पटना : बिहार में भले ही कोरोना संक्रमितों की संख्या हर दिन बढ़ रही हो, पर सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार में जुट गयी हैं. भाजपा और जदयू के बाद वाम दलों ने भी धीरे-धीरे ही सही, इस ओर अपना कदम बढ़ाया है. एक ओर वाम दलों के नेता विपक्ष के साथ मिल कर वर्चुअल रैली या चुनाव प्रचार का विरोध कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर वह खुद भी अब सोशल मीडिया के हर प्लेटफाॅर्म पर उतरने को अपने को तैयार कर रही है. वाम दलों के नेताओं का तर्क है कि यदि अक्तूबर-नवंबर में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा कर ही दी तो सोशल मीडिया से कनेक्टिविटी नहीं रहने पर वह पीछे रह जायेंगे. लिहाजा, वाम दलों ने इस ओर बढ़ते हुए ऑनलाइन मीटिंग और सभी जिलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं को ट्वीटर या अन्य डिजिटल तरीके से जोड़ना शुरू किया है.
वाम दलों ने चुनाव को लेकर प्रखंड, जिला स्तर पर वाटसएप ग्रुप बनाना शुरू किया है ताकि अधिक- से -अधिक लोगों को जोड़ा जा सके. साथ ही, इंटरनेट से लोगों को कैसे जोड़ा जाये. इसके लिए कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है. कार्यकर्ताओं से यह भी कहा जा रहा है कि वे सोशल मीडिया पर एक्टिव होते पार्टी की नीतियों व सिद्धांत से युवाओं व आमलोगों को अवगत कराएं.
बिहार में भाकपा सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि हम वर्चअल रैली, चुनाव और चुनाव प्रचार के पक्ष में नहीं है, लेकिन हमलोगों के विरोध के बाद भी चुनाव हुआ, तो उससे पीछे नहीं हट सकते हैं. हमने भी तैयारी शुरू कर दी है. वहीं भाकपा-माले के सचिव कुणाल ने कहा कि वर्चुअल रैली या प्रचार का हम विरोध करते हैं, लेकिन कोरोना काल में जिस तरह से चुनाव की शुरू की गयी है. उसे देखते हुए हमने भी ऑनलाइन मीटिंग शुरू कर दी है.