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बिहार विधानसभा चुनाव 2020: पहले चरण में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 3 उम्मीदवारों की किस्मत का होगा फैसला

Bihar Election 2020, Bihar Election 2020 Latest Updates, Jharkhand Mukti Morcha: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण (28 अक्टूबर, 2020) के मतदान में झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के तीन प्रत्याशियों की भी किस्मत का फैसला होना है. तीनों उम्मीदवार बिहार और झारखंड की सीमा से सटे बांका और जमुई जिले में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इनमें दो महिला हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2020 8:38 PM

Bihar Election 2020, Bihar Election 2020 Latest Updates, Jharkhand Mukti Morcha: रांची : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण (28 अक्टूबर, 2020) के मतदान में झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के तीन प्रत्याशियों की भी किस्मत का फैसला होना है. महागठबंधन के तहत एक भी सीट नहीं मिलने से नाराज होकर झामुमो ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अपने 7 उम्मीदवार मैदान में उतारने का एलान कर दिया था. इनमें से तीन की किस्मत का फैसला पहले चरण के चुनाव में होगा. ये तीनों उम्मीदवार बिहार और झारखंड की सीमा से सटे बांका और जमुई जिले में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इनमें दो महिला हैं.

झारखंड के दुमका और गोड्डा की सीमा से सटे बिहार के बांका जिला में स्थित कटोरिया विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की एंजेला हांसदा अपना भाग्य आजमा रही हैं. गिरिडीह जिला की सीमा से सटे जमुई जिला के झाझा और चकाई विधानसभा सीटों पर भी झामुमो ने अपना उम्मीदवार उतारा है. चकाई में एलिजाबेथ सोरेन चुनाव लड़ रही हैं, तो झाझा से अजीत कुमार को झामुमो ने अपना उम्मीदवार बनाया है. झाझा में कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं, तो चकाई में कुल 13 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं.

आदिवासी बहुल कटोरिया विधानसभा क्षेत्र से कुल 5 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं. इनमें 4 महिलाएं हैं. बांका जिला में स्थित ग्रामीण क्षेत्र वाले इस विधानसभा में 30 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति (एसटी) की है. कभी माओवादियों का गढ़ रहे अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर झामुमो ने एंजेला हांसदा को अपना उम्मीदवार बनाया है. यहां झामुमो को किसी भी दल का समर्थन प्राप्त नहीं है. झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी यहां अकेले चुनाव लड़ रही है. प्रत्याशी का प्रचार करने के लिए झामुमो का कोई बड़ा नेता यहां नहीं पहुंचा.

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कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में आदिवासियों के अलावा अनुसूचित जाति की भी अच्छी-खासी आबादी है. कटोरिया ने अब तक अलग-अलग दलों के नेताओं को चुनता रहा है. वर्ष 1952 में शुरू हुई चुनावी राजनीति के दौरान कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रत्याशी यहां से जीतते रहे हैं. वर्ष 2015 में राजद की स्वीटी हेम्ब्रम ने यहां से जीत दर्ज की थी और भाजपा की निक्की हेम्ब्रम दूसरे स्थान पर रहीं. स्वीटी सीमा को 41.35 फीसदी वोट मिले, तो निक्की हेम्ब्रम को 33.55 फीसदी.

वर्ष 2020 के विधानसभा चुनावों में स्वीटी सीमा हेम्ब्रम और निक्की हेम्ब्रम को उनकी पार्टियों ने एक बार फिर मैदान में उतारा है. वहीं, झारखंड की सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय जनता पार्टी दोनों के उम्मीदवारों के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतार दिया है. कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में सुबह 7 बजे मतदान शुरू होगा, जो शाम के 6 बजे तक चलेगा. हालांकि, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान की प्रक्रिया जल्दी ही खत्म कर दी जायेगी.

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इस विधानसभा सीट से जो पांच उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं, उनके नाम डॉ निक्की हेम्ब्रम (भारतीय जनता पार्टी), स्वीटी सीमा हेम्ब्रम (राष्ट्रीय जनता दल), रोज मेरी किस्कू (जन अधिकार पार्टी- लोकतांत्रिक), एंजेला हांसदा (झारखंड मुक्ति मोर्चा) और एतवारी टुडू (अपना किसान पार्टी) शामिल हैं. राजद ने कांग्रेस और वामदलों के साथ महागठबंधन बनाया है, तो भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और जीतन राम की पार्टी हम एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.

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लंबे अरसे तक किसी न किसी गठबंधन का हिस्सा रहने वाली राम विलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) इस बार अकेले चुनाव लड़ रही है. राम विलास पासवान की अनुपस्थिति में उनके बेटे चिराग पासवान पर खुद को साबित करने और लोजपा को स्थापित करने की बड़ी चुनौती है. चूंकि कटोरिया में भाजपा ने अपना उम्मीदवार उतारा है, चिराग पासवान की पार्टी का इस सीट पर कोई उम्मीदवार नहीं है. अमीषा पटेल जैसी बॉलीवुड सेलिब्रिटी ने चिराग की पार्टी एलजेपी के पक्ष में प्रचार किया है.

Posted By : Mithilesh Jha

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