Bihar Election 2020: 2015 के चुनाव में राम विलास पासवान ने की थी 132 से ज्यादा सभाएं, इस बार चिराग पर दोहरी जिम्मेदारी

Bihar Assembly Election 2020 इस बार का Bihar Vidhan Sabha Chunav Corona संकट में हो रहा है. लिहाजा चुनाव में Digital Medium पर जोर है. Virtual Rally के जरिए मतदाताओं से संपर्क साधा जा रहा है. खास बात यह है कि 12 October से Bihar Chunav में बड़े राजनीतिक चेहरे प्रचार शुरू कर देंगे. दूसरी तरफ Lok Janshakti Party (LJP) और उसके नेता Chirag Paswan पर दोहरी जिम्मेदारी है. पिछले चुनाव में जहां Ramvilas Paswan ने ताबड़तोड़ सभाएं की थी. इस बार उनकी कमी जरूर खलेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2020 12:03 PM
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‍Bihar Assembly Election 2020 इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव कोरोना संकट में हो रहा है. लिहाजा चुनाव में डिजिटल मीडियम पर जोर है. वर्चुअल रैलियों के जरिए मतदाताओं से संपर्क साधा जा रहा है. खास बात यह है कि 12 अक्टूबर से बिहार चुनाव में बड़े राजनीतिक चेहरे प्रचार शुरू कर देंगे. दूसरी तरफ लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और उसके नेता चिराग पासवान पर दोहरी जिम्मेदारी है. पिछले चुनाव में जहां रामविलास पासवान ने ताबड़तोड़ सभाएं की थी. इस बार उनकी कमी जरूर खलेगी.

2015 में रामविलास की 100 से ज्यादा रैली

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 28 अक्टूबर को होगी. कमोबेश बड़े-छोटे दलों ने चुनाव प्रचार शुरू करने की बात कही है. 2015 के विधानसभा चुनाव को देखें तो उसमें हाई प्रोफाइल चेहरे ने भी जनता से वोट मांगे थे. करीब 1,300 से ज्यादा चुनावी सभाएं भी हुई थीं. अगर लोजपा नेता रामविलास पासवान की बात करें तो उन्होंने 132 से ज्यादा चुनावी सभाएं की थी. इसका ज्यादा लाभ तो पार्टी को नहीं मिला था. खास बात यह है पार्टी का वोट बैंक जरूर रामविलास पासवान के साथ होने की बात कही गई.

लोजपा नेता चिराग पासवान की बड़ी चुनौती

चुनाव के ठीक पहले रामविलास पासवान का निधन चिराग पासवान के लिए बड़ी चुनौती लेकर आया है. पिता की अनुपस्थिति में चिराग पासवान के लिए बिहार चुनाव में लोजपा को संभालना और बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट नारे को हकीकत में तब्दील करना इतना आसान भी नहीं है. रामविलास पासवान ने बिहार से अपनी जमीन मजबूत की और दिल्ली की सत्ता में अपनी धमक साबित की. आज चिराग अकेले हैं. उनके साथ लोजपा है और बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का नारा, जिसे उन्होंने चुनाव के पहले दिया था.

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