रमण कुमार मिश्र/कार्तिक कुमार, मधुबनी : जनक जननी सीता की धरती मिथिला की महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी भागीदारी करती रही हैं. मधुबनी जिला में विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव, आधी आबादी निर्णायक भूमिका निभाती रही है. चुनाव के वोट आंकड़े बताते हैं कि बीते दस साल में महिला वोटर यहां के प्रतिनिधियों के भाग्य विधाता रही हैं. हालांकि, चिंताजनक स्थिति यह है कि जिले में अब तक सिर्फ तीन महिलाएं ही विधायक चुनी गयी हैं.
जिले में लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में महिलाएं अपेक्षाकृत बढ़ -चढ़ कर हिस्सा लेती रही हैं. मतदान में महिला वोटर की संख्या पुरुष वोटर से अधिक रहता है. ऐसे में प्रत्याशी महिला वोटर को अपनी ओर करने के लिए भी जोर- शोर से जुटे रहते हैं. 2009 के लोकसभा चुनाव में जहां महिला मतदान का प्रतिशत 42.76 था, वह 2019 में बढ़ कर 62.15 फीसदी तक हो गया.
जिले के मधुबनी एवं झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में कुल 40.89 प्रतिशत मतदान हुआ था. इनमें महिला मतदाताओं ने 42.76 प्रतिशत मतदान किया, जबकि पुरुष मतदाताओं ने 39.66 प्रतिशत मतदान किया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल मतदान 55.14 प्रतिशत हुआ था, इनमें महिला मतदाताओं ने 61.78 प्रतिशत एवं पुरुष मतदाताओं ने 49.41 प्रतिशत मतदान किया.इसी प्रकार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 55.75 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसमें महिला मतदाताओं ने 62.15% मतदान किया एवं पुरुष मतदाताओं ने 50.10 प्रतिशत मतदान कर लोकतंत्र में हिस्सेदारी निभाई.
2010 विस चुनाव : महिलाओं का वोट प्रतिशत रहा 53.54 : विधानसभा चुनाव में वर्ष 2010 में जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में हुए मतदान में कुल मतदान का प्रतिशत 48.2 था. इनमें महिलाओं ने 53.54 प्रतिशत मतदान किया, जिसमें सबसे अधिक बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 59.8 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
2015 विस चुनाव : 62.8 फीसदी महिलाओं ने वोट डाले : इसी प्रकार 2015 में बिहार विधानसभा के चुनाव में जिले के 10 विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदान का प्रतिशत 54.10 फीसदी था. इनमें महिलाओं ने 62.8 प्रतिशत मतदान किया.
वहीं पुरुष मतदाताओं ने 46.59 प्रतिशत मतदान किया. लौकहा विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 69.75 प्रतिशत महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
posted by ashish jha