Bihar 1st Phase Election, Sarkari Naukri : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 पूरी तरह से एक विशेष मुद्दे पर टिका नजर आ रहा है. कोरोना काल और लॉकडाउन के कारण राज्य में बेरोजगारी दर और बढ़ गयी है. ऐसे में ज्यादातर पार्टियों ने नौकरियां देने का वादा किया है. चाहे राजद (RJD), कांग्रेस (Congress) हो जेडीयू (JDU) व बीजेपी (BJP) सभी ने घोषणापत्र में रोजगार देने का वादा किया है. आइये विस्तार से जानते हैं किन पार्टियों ने कितनी रोजगार उत्पन्न करने की बात कही है.
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चिराग पासवान के नेतृत्व वाली पार्टी लोजपा (एलजेपी) ने अपने घोषणापत्र में रोजगार देने का वादा किया है. हालांकि, उन्होंने इसकी संख्या नहीं बताई है. एलजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि वे एक वेब पोर्टल का निर्माण करेंगे, जहां नौकरी की इच्छा रखने वाले सभी लोग सीधे तौर पर उनसे जुड़ सकते हैं.
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जबकि, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा कि अगर वह सत्ता में आती है. तो बिहार में नौकरी न मिलने तक बेरोजगारों को मासिक तौर पर 1500 हजार रुपये भत्ता देगी. इसके साथ पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख नौकरी देने का फैसला लेगी.
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इधर, आरजेडी ने भी 10 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया है. जिसके बाद वे चर्चा में है. उन्होंने अपने घोषणा पत्र में कहा है कि सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में युवाओं को 10 लाख रोजगार देने पर मुहर लगायी जायेगी. जैसा कि ज्ञात हो राजद की ओर से तेजस्वी यादव सीएम पद का चेहरा है.
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सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू का कहना है कि वे पहले ही अपने कार्यकाल में 6 लाख नौकरियां दे चुके हैं. उन्होंने आगे भी कौशल विकास कर लोगों को रोजगार देने का वादा किया है.
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वहीं, जेडीयू के साथ गठबंधन में भाजपा पार्टी का कहना है कि वे बिहार में 19 लाख नई नौकरियां देंगे.
आपको बता दें कि इसके अलावा भी अन्य छोटी बड़ी पार्टियां भी मैदान में है. लगभग सबने घोषणा में नौकरी का वादा किया है. वहीं, तेजस्वी के रोजगार देने के वादे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने सवाल उठाए थे. सुशील मोदी ने कहा था कि दस लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने से राज्य के खजाने पर 58,415.06 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है.
जो संभव नहीं है. जिसके बाद बीजेपी ने घोषणा पत्र जारी करते हुए 19 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा कर दिया. इसपर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी सवाल उठाए और कहा कि 10 लाख नौकरी पर सवाल उठाने वाले 19 लाख नौकरी देने का छलावा कर रहे हैं.
जिसपर सुशील मोदी ने भाजपा और दूसरे दलों में अंतर बताते हुए सफाया दिया है कि बीजेपी पार्टी वही बात करती है जिसे जमीन पर लागू कर पाये. हमने संकल्प पत्र में ब्योरा भी दिया है कि ये अवसर लोगों को कैसे मिलेगा. ऐसे में कहा जा सकता है कि देखने वाली बात यह होगी कि किस दल पर बिहार की जनता विश्वास करेगी और किसे नकार देगी.
Posted By : Sumit Kumar Verma