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Bihar Election 2020: बिहार में तीन करोड़ से अधिक युवा वोटर, लेकिन दोगुना-तीन गुना अधिक उम्र वाले चुनते हैं प्रतिनिधि…

मिथिलेश,पटना: विधानसभा चुनाव में इस बार बड़ी संख्या में युवा वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हैं. चुनाव आयोग ने 18 की उम्र पार कर चुके मतदाताओं को अधिक -से -अधिक संख्या में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की मुहिम चलाया है. इंटरनेट पर भी नाम जोड़े जा रहे हैं. बड़ी संख्या में युवा मतदाता आगे आ रहे, पर युवा वोटरों के सामने एक बड़ी समस्या अपने से दोगुना -तीन गुना अधिक उम्र वाले प्रतिनिधि चुनने की है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2020 9:27 AM
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मिथिलेश,पटना: विधानसभा चुनाव में इस बार बड़ी संख्या में युवा वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले हैं. चुनाव आयोग ने 18 की उम्र पार कर चुके मतदाताओं को अधिक -से -अधिक संख्या में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की मुहिम चलाया है. इंटरनेट पर भी नाम जोड़े जा रहे हैं. बड़ी संख्या में युवा मतदाता आगे आ रहे, पर युवा वोटरों के सामने एक बड़ी समस्या अपने से दोगुना -तीन गुना अधिक उम्र वाले प्रतिनिधि चुनने की है.

प्रदेश में 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या तीन करोड़  से अधिक 

पहली जनवरी, 2020 को तैयार मतदाता सूची के मुताबिक प्रदेश में 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या तीन करोड़ 66 लाख 34 हजार से अधिक यानी कुल मतदाता सात करोड़ 18 लाख के करीब आधी है. दूसरी ओर मौजूदा विधानसभा में 25 से 30 साल के उम्र के महज पांच विधायक हैं,जबकि 31 से 40 की उम्र वाले विधायकों की संख्या 32 है. राजद के तेजस्वी यादव सबसे कम उम्र के विधायक हैं. वहीं, इन्हीं के दल के श्रीनारायण यादव की उम्र सबसे अधिक है. उम्र के मामले में कानूनी प्रावधानों के अनुसार कोई भी 25 वर्ष का युवक विधानसभा का चुनाव लड़ सकता है, लेकिन आबादी के अनुपात में राजनीतिक दलों से युवाओं को राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं मिल रही है.

2015 के विधानसभा चुनाव में पांच युवा विधायक के पिता भी नेता

आंदोलन व नारेबाजी में आगे रहने वाले युवा नेता विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार तलाशने के समय सामाजिक और दूसरे समीकरण की आड़ में पीछे छूट जाते हैं. जिन युवाओं को टिकट मिल भी गया तो उनमें अधिकतर की पृष्ठभूमि राजनीतिक घराने की रही होती है. 2015 के विधानसभा चुनाव में पांच युवा विधायकों में तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव व राहुल तिवारी के पिता भी राजनेता रहे हैं.

एडीआर की रिपोर्ट

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 2015 के चुनाव में कुल 3450 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे, जिनमें 25 से 30 की उम्र वाले महज 357 उम्मीदवार रहे. 31 से 40 उम्र वाले उम्मीदवारों की संख्या 1063 रही. वहीं, 41 से 50 की उम्र वाले प्रत्याशियों की संख्या 1049 रही. पार्टी आधार पर देखा जाये तो राजद में सबसे अधिक युवा विधायक जीत कर आये. 25 से 35 साल के उम्र वाले विधायकों की संख्या राजद में आठ रही. 36 से 45 साल के उम्र वाले विधायक राजद में 24 जीत कर आये. दूसरी ओर इसी उम्र ग्रुप में सबसे अधिक जदयू के 26 विधायक जीत कर सदन पहुंचे.

दलगत आंकड़ा

हालांकि, 25 से 35 साल के विधायकों की जदयू में संख्या एक ही रही. कांग्रेस के 27 विधायकों में चार की उम्र 25 से 35 साल के बीच रही है, जबकि 36 से 45 साल के विधायकों की संख्या छह रही. भाकपा माले के एक विधायक 36 से 45 साल के रहे. यही स्थिति लोजपा की भी है. 25 से 35 साल के युवा विधायकों की संख्या कुल 15 रही है. 36 से 45 साल के उम्र वाले विधायकों की संख्या 72 रही, जबकि 46 से 55 साल उम्र वाले विधायकों की संख्या 79, 56 से 65 साल उम्र वाले विधायकाें की संख्या 56 और 66 से 75 उम्र वाले विधायक 20 जीत कर आये. इसी प्रकार 76 से अधिक उम्र वाले विधायकों की संख्या एक है.

Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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