Bihar Election 2020 : युवा नेताओं को भा रहा मल्टी कलर फिट कुर्ता बंडी, लुक के लिए इस तरह से कर रहे हैं खर्च

Candidates are taking the help of fashion designer in the election : युवा नेता अपने लुक पर खास ध्यान दे रहे हैं. स्टाइलिश कुर्ता व स्लिम फिट बंडी का ऑर्डर दे रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 7, 2020 8:51 AM

पटना : चुनावी माहौल खूब देखने को मिल रहा है. सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी में जुटी हैं. सभी पार्टी प्रचार-प्रसार में जुटी हैं, ऐसे में युवा नेता अपने लुक पर खास ध्यान दे रहे हैं. ऐसे नेता फैशन डिजाइनर का सहारा लेते हुए स्टाइलिश कुर्ता व स्लिम फिट बंडी का ऑर्डर दे रहे हैं.

फैशन के इस दौर में हर कोई फैशनेबल दिखना चाहता है. इसलिए आज के युग के नेता सफेद कुर्ता-पैजामा में नजर नहीं आते हैं. बल्कि, वे अपने पसंद की मल्टी कलर में डिजाइनर कुर्ता व बंडी तैयार करा रहे हैं.

इस बारे में ड्रेस डिजाइनर प्रेम कुमार कहते हैं कि अब नेता भी रंग-बिरंगे कुर्ता में नजर आने लगे हैं. पहले सफेद कुर्ता नेता का निशानी था. आम लोग भी इसे पहनते थे, तो लोग उसे नेता ही कह कर पुकारते थे. लेकिन, अब सब कुछ बदल रहा है.

इसके अलावा नारे वाले पैजामा के बजाय पैंट सिलवा रहे हैं, जिसमें पैकेट होती है. ताकि, युवा नेता या अन्य लोग मोबाइल फोन या अन्य जरूरत की चीजों को आसानी से रख सकें. नेताओं को खादी व कॉटन के कपड़े तो शुरू से पसंद रहे हैं. लेकिन, आज के दौर में लोग इन्हीं फैब्रिक में अपने पसंद के कपड़े फैशन डिजाइनर से स्पेशल ऑर्डर पर बनवा रहे हैं.

इसके अलावा फिल्म व सीरियल में लोकप्रिय बंडी भी स्टाइलिश लुक में तैयार करवा रहे हैं. खादी मॉल के मैनेजर रमेश कुमार ने बताया कि मॉल में भी कई नेता अपने पसंद के लिए स्पेशल ऑर्डर पर खादी की बंडी मंगवा रहे हैं.

नेता नॉमिनेशन से लेकर प्रचार के लिए अपने ड्रेसिंग के साथ-साथ लुक पर भी उतना ही ध्यान दे रहे हैं. इसलिए हेयर कट से लेकर अपनी मूंछों को सेट कराने को काफी ज्यादा शौकीन हैं. कई नेता मूंछ पर खास ध्यान देते हुए उसे चौड़ा करवा रहे हैं.

साथ ही इलेक्शन को देखते हुए शहर के कई ब्रांडेड पार्लर में लगभग 50 प्रतिशत पुरुषों की भीड़ इलेक्शन को लेकर हो रही है, जो फेशियल, ब्लीच, हेयर कट, हेयर स्पा, दाढ़ी-मूंछ सेट कराने को ज्यादा उत्सुक हैं. इस बारे में सौरव कहते हैं कि इलेक्शन नेताओं के लिए त्योहार से कम नहीं होता. इसलिए वे उतनी ही तैयारी करते हैं, जो त्योहार या किसी खास मौके पर करते हैं.

Posted by Ashish Jha

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