Bihar Election 2020 : राजदेव पांडेय, बिहार विधानसभा (Bihar Vidhan sabha) लिए दूसरे और तीसरे चरण में 32 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम प्रत्याशी सीधी टक्कर में हैं. यह वह सीटें हैं, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है.
इनमें से पांच सीटें ऐसी हैं, जहां महागठबंधन और एनडीए दोनों तरफ से मुस्लिम प्रत्याशी आमने-सामने हैं. इन दोनों गठबंधनों को 20 सीटों पर एआइएमआइएम सीधी टक्कर दे रही है. महागठबंधन के अधिकतर मुस्लिम प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ हैं.
कांटी, अमौर, अररिया,ठाकुरगंज और कोचाधामन में दोनों मुख्य गठबंधनों के प्रत्याशी मुस्लिम हैं. लिहाजा लड़ाई रोचक है. जानकारों के मुताबिक यह वह सीटें हैं जहां 30 फीसदी से अधिक मतदाता मुस्लिम हैं.
इसके अलावा नौतन, शिवहर, बरौली, गोपालगंज, दरभंगा ग्रामीण, मढ़ौरा, गौड़ा बौराम, ढाका, बिस्फी, फारबिसगंज, जोकीहाट, किशनगंज, बायसी, प्राणपुर , केवटी, जाले, औराई, सिकटा, नरकटिया, सुरसंड, सुपौल, कदवा, समस्तीपुर, बहादुरगंज, कसवा, बलरामपुर, सिमरी बख्तियारपुर और नाथनगर में मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
इनमें 30 सीटों पर महागठबंधन ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. महागठबंधन ने अपने अधिकतर मुस्लिम प्रत्याशी भाजपा के खिलाफ खड़े किये हैं.
सियासी जानकार इस विधानसभा में मुस्लिम बहुल इलाके के चुनावी संग्राम को अब तक की सबसे जोरदार बता रहे हैं, क्योंकि मुस्लिम मतदाताओं ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन की भी हिस्सेदारी होगी.
दरअसल पिछले साल हुए किशनगंज विधानसभा उपचुनाव में एआइएमआइएम उम्मीदवार बीजेपी उम्मीदवार को पराजित कर अपनी पैठ प्रदर्शित की थी. सियासी जानकारों का कहना है कि इस बार मुस्लिम वोटों का धुव्रीकरण बहुपक्षीय हो गया है.
वहीं, बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर हार जीत को प्रभावित करते हैं. हालांकि इनमें 29 सीटें ऐसी हैं जहा मुस्लिम वोटर निर्णायक होता है. जहां उनके मतदाताओं की संख्या 20 से 30 फीसदी के बीच है. कुछ सीटों पर यह संख्या इससे भी अधिक है.
Posted by Ashish Jha