Bihar Election 2020: बिहार चुनाव के दूसरे चरण के दौरान 94 सीटों पर 3 नवंबर को वोटिंग है. नालंदा एक ऐसा नाम है जो इतिहास में ज्ञान की धरती के रूप में प्रसिद्ध रहा. आज दूसरे चरण को लेकर नालंदा के सियासी समीकरण पर सभी की नजरें हैं. नालंदा में चुनाव चाहे विधानसभा का हो या लोकसभा का, उम्मीदवार जेडीयू का कोई भी हो, माना जाता है कि सीएम नीतीश कुमार खुद चुनाव लड़ रहे हैं. यही वजह है कि नालंदा को बिहार की सियासत में सबसे हॉट सीट में एक भी माना जाता है.
नालंदा जिले में सीट- अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर (SC), इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा, हरनौत
कुल वोटर- 2,83,154 (सिर्फ नालंदा सीट पर)
नालंदा से पिछले छह चुनावों में जेडीयू को जीत मिलती आ रही है. सभी 6 चुनाव में श्रवण कुमार ने बाजी मारी. सातवीं बार भी श्रवण कुमार मैदान में उतरे हैं. कांग्रेस ने गुंजन पटेल को प्रत्याशी को उतारा है. नालंदा सीट पर 20 उम्मीदवार मैदान में हैं. इसमें लोजपा के भी रामकेश्वर प्रसाद का नाम शामिल है. अगर नालंदा के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो इस सीट का गठन 1977 में हुआ था. पहले चुनाव में कांग्रेस ने यहां से चुनाव जीता था. साल 1995 के बाद नालंदा की सीट जेडीयू के पास रही है.
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नालंदा सीट को देखें तो यहां का जातीय समीकरण खासा मायने रखता है. नालंदा सीट पर जीत-हार कुशवाहा और घमयला कुर्मी वोटर्स तय करते हैं. जिसकी तरफ दोनों जातियों के वोटर्स का झुकाव होता है, उसकी जीत पक्की मानी जाती है. श्रवण कुमार सीएम नीतीश कुमार के काफी करीबी हैं. इस लिहाज से वर्तमान विधायक मंत्री श्रवण कुमार पर काफी प्रेशर है. अब, नतीजा 10 नवंबर को सामने आ ही जाएगा.
Posted : Abhishek.