Bihar election 2020 : भोजपुर में इस बार एनडीए और राजद में जोरदार टक्कर के आसार
आरा : भोजपुर जिले का प्रवेश द्वार और सोन नदी के तटीय क्षेत्र को समेटे संदेश विधानसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास रोचक रहा है. वर्ष 1957 से 2015 तक दो-दो बार कई लोग विधायक रहे हैं, लेकिन अब तक किसी की हैट्रिक नहीं लगी है. इस सीट पर इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए और राजद के बीच कड़ी टक्कर होने की पृष्ठभूमि तैयार होने लगी है.
मिथिलेश कुमार, आरा : भोजपुर जिले का प्रवेश द्वार और सोन नदी के तटीय क्षेत्र को समेटे संदेश विधानसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास रोचक रहा है. वर्ष 1957 से 2015 तक दो-दो बार कई लोग विधायक रहे हैं, लेकिन अब तक किसी की हैट्रिक नहीं लगी है. इस सीट पर इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए और राजद के बीच कड़ी टक्कर होने की पृष्ठभूमि तैयार होने लगी है. वैसे तो सीटों के तालमेल के बाद ही उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो पायेगी, लेकिन राजद से जदयू में आये पूर्व विधायक विजेंद्र कुमार यादव अपनी उम्मीदवारी का दावा अभी से ही कर रहे हैं.
संदेश सीट पर कई दावेदार
वहीं, राजद की तरफ से विजेंद्र कुमार यादव के भाई और वर्तमान विधायक अरुण कुमार यादव की पत्नी की उम्मीदवारी की चर्चा है. इधर, भाजपा के भी कई नेता अपनी उम्मीदवारी का दावा कर रहे हैं, जिसमें पूर्व प्रत्याशी संजय सिंह, पूर्व मंत्री सोनाधारी सिंह के पुत्र कौशल कुमार यादव तथा सकड्डी पंचायत की मुखिया श्वेता सिंह चर्चा में हैं. ऐसे में भोजपुर के सातों विधानसभा क्षेत्रों में से संदेश विधानसभा क्षेत्र हॉट सीट बन गया है. 2015 के चुनाव में संदेश विधानसभा क्षेत्र से राजद प्रत्याशी अरुण कुमार यादव ने भाजपा के संजय सिंह को 25427 मतों के अंतर से पराजित किया था. अरुण कुमार यादव को 74306 वोट मिले थे. वहीं, भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह को 48879 वोट मिले थे. भाकपा माले प्रत्याशी राजू यादव को 15879 तो नोटा को 3713 मत मिले थे.
सीटों के तालमेल के बाद ही उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो पायेगी
इस सीट से 1957 से 2015 के बीच तीन बार कांग्रेस को जीत मिली है. वर्ष 1957 व 1962 में कांग्रेस के झमन प्रसाद इस सीट से विजयी हुए थे. 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी प्रत्याशी आरएस सिंह ने जीत दर्ज की थी. वर्ष 1969 और 1972 में भारतीय जनसंघ के रामजी प्रसाद सिंह यहां से विधायक बने थे. 1977 में जनता पार्टी के रामदयाल सिंह इस सीट से चुनाव जीते थे. 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धनाथ राय ने चुनाव जीता था. 1985 और 1990 के विधानसभा चुनाव में सोनाधारी सिंह ने इस सीट से प्रतिनिधित्व किया था. वहीं, 1995 के विधानसभा चुनाव में भाकपा माले प्रत्याशी रामेश्वर प्रसाद चुनाव जीते थे. वर्ष 2000 और 2005 में विजेंद्र कुमार यादव चुनाव जीते थे, जबकि 2010 में भाजपा के संजय सिंह चुनाव जीतने में सफल हुए थे. 2015 में राजद के अरुण कुमार यादव चुनाव जीते थे.
टकरा सकते हैं एक ही परिवार के दो दिग्गज
संदेश विधानसभा सीट पर 2020 के विधानसभा चुनाव में एक ही परिवार से एनडीए और महागठबंधन राजद के प्रत्याशी आमने-सामने हो सकते हैं. सीटों के तालमेल में संदेश सीट यदि एनडीए के घटक दल जदयू के कोटे में जाती है, तो प्रत्याशी के तौर पर विजेंद्र कुमार यादव का दावा मजबूत है. वहीं, राजद प्रत्याशी के रूप में उनके छोटे भाई अरुण कुमार यादव की पत्नी के चुनावी मैदान में उतरने की संभावना है. ऐसे में संदेश सीट पर एक ही परिवार से दोनों गठबंधन से प्रत्याशी आमने-सामने हो सकते हैं.
ये होंगे चुनावी मुद्दे
संदेश विधानसभा क्षेत्र का चुनावी मुद्दा डेदुआ पंप कैनाल योजना का निर्माण और नहरों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ गांवों का विकास प्रमुख मुद्दा होगा. साथ ही सोन नदी में जारी अवैध बालू खनन पर रोक और आरा- सहार पथ व आरा-सासाराम मुख्य मार्ग पर लगने वाले महाजाम की समस्या से निजात दिलाना भी इस बार के चुनाव का मुख्य मुद्दा होगा.
posted by ashishjha