पटना: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल चुनावी नारों के साथ जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं. इसके लिए नये और आकर्षक नारे भी बनाये जा रहे हैं. कुछ दलों ने तो इसके लिए अलग से टीम बना लिया है. पिछले चुनावों में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के नारे चर्चा का विषय बने थे. जानकारों का कहना है कि चुनाव में नारों का महत्व इसलिए है क्योंकि ये बहुत जल्दी लोगों की जुबान पर चढ़ जाते हैं. इसलिए राजनीतिक दल अपने प्रचार -प्रसार सहित मतदाताओं का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए नारों का सहारा लेते हैं.
जदयू ने इस बार नये नारे ‘न्याय के साथ तरक्की- नीतीश की बात पक्की’ को गढ़ा है. पार्टी ने इसे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात सितंबर को होने वाली वर्चुअल रैली निश्चय संवाद का पंच लाइन बनाया है. इसके साथ ही प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर तीन बड़े पोस्टरों पर नारे लिखे गये हैं. इनमें बिहार के नाम नीतीश के काम, नीतीश में विश्वास बिहार में विकास और विकसित बिहार नीतीश कुमार शामिल हैं.
चुनावी तैयारियों में एक कदम आगे चल रही भाजपा ने फिलहाल एक ही मुख्य नारा दिया है. ‘आत्मनिर्भर होगा बिहार-भाजपा है तैयार’ नारे के साथ पार्टी की रथ भी चुनाव प्रचार में उतरेगी. भाजपा की खास टीम नारा और स्लाेगन को लेकर काम कर रही है. पार्टी के यादगार स्लोगन में ‘अबकी बारी-अटल बिहारी, हर हर मोदी-घर घर मोदी और मोदी है तो मुमकिन है, ’ काफी चर्चित रहा.
राजद ने अपने कई नारे बनाये हैं. इनमें मुख्य रूप से ‘लौटेगा बिहार का सम्मान-जब थामेंगे तेजस्वी कमान’, ‘शिक्षा क्षेत्र का हाल-भ्रष्ट सरकार ने किया बेहाल’, ‘पलायन को विकल्प से हटाना चाहता है-इसलिए इस बार बिहार तेजस्वी को सत्ता में लाना चाहता है’, ‘बंद पड़े उद्योग चलाएंगे-नया बिहार बनायेंगे’, ‘लालटेन का प्रकाश- बिहार का विकास ’आदि नारे शामिल हैं.
कांग्रेस ने इस चुनाव के लिए नारा दिया है, ‘बोले बिहार- बदलें सरकार’. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष श्यामसुंदर सिंह धीरज बताते हैं कि यह नारा आम लोगों में पोपुलर हो रहा है. 1960 दशक के अंतिम वर्षों में इंदिरा लाओ-गरीबी हटाओ का नारा कांग्रेस ने दिया था. बाद में 1980 के चुनाव में आधी रोटी खायेंगे-इंदिरा को लायेंगे, नारा लेकर कांग्रेस मतदाताओं के बीच गयी. यह नारा असरदार रहा और देश भर में कांग्रेस की सरकार बनी. धीरज बताते हैं राजीव गांधी के कार्यकाल में कांग्रेस पार्टी ने इंदिरा जी का बलिदान-याद रखेगा हिंदुस्तान का नारा दिया था.
वामदलों में भाकपा ने सात नारे तैयार किये हैं. इनमें ये शामिल हैं -‘भाकपा की पुकार-समावेशी विकास गरीबों की सरकार’, ‘हर हाथ को काम हर खेत को पानी’, ‘सबकी पढ़ाई सबको दवाई – सबको शिक्षा सबका स्वास्थ्य’, ‘खेत खलिहान गांव समाज- नहीं चाहिए कंपनी राज’, ‘अपराधमुक्त बिहार, भ्रष्टाचार मुक्त बिहार’, ‘सभी बेरोजगारों को काम, रोजी-रोटी का इंतजाम’, ‘प्रवासी मजदूरों को मुनासिब काम उद्योग- धंधों का त्वरित विस्तार’.
तैयार किया भाकपा माले के इस समय मुख्य रूप से दो नारे हैं. ‘दलित-गरीबों की हुंकार- इस बार जायेंगे नीतीश कुमार’, ‘लूट-झूठ की सरकार को सबक सिखाओ बिहार में वैकल्पिक सरकार बनाओ’. माकपा फिलहाल विधानसभा चुनाव के लिए नारे की तैयारी कर रही है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya