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Bihar Election 2020: बिहार के चुनावी रण में कांग्रेस ने झोंकी ताकत, राजस्थान का रण जीतने वाली टीम को मैदान में उतारा

Bihar Election 2020: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने अपनी साख को बचाए रखने की चुनौती है. बिहार चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि यह लड़ाई बहुत आसान नहीं है. राजद नेता तेजस्वी यादव के अगुवाई वाले महागठबंधन में जूनियर पार्टनर के तौर पर शामिल कांग्रेस के कोटे में 70 सीटें आई हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2020 9:37 PM

Bihar Election 2020: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सामने अपनी साख को बचाए रखने की चुनौती है. बिहार चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि यह लड़ाई बहुत आसान नहीं है. राजद नेता तेजस्वी यादव के अगुवाई वाले महागठबंधन में जूनियर पार्टनर के तौर पर शामिल कांग्रेस के कोटे में 70 सीटें आई हैं. बिहार में 2015 चुनाव में कांग्रेस को जितनी सीटें मिलीं, उससे ज्यादा इस बार कैसे आए इसकी योजना बनाने में पार्टी में माथापच्ची चल रही है.

चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए पार्टी की चुनाव प्रबंधन एवं समन्वय समिति के अध्यक्ष औऱ पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला के साथ पूर्व महासचिव मोहन प्रकाश बिहार आने वाले हैं. उनके साथ बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल भी होंगे. . बिहार में खासतौर से राजस्थान का रण जीतने वाली टीम को लगाया जा चुका है.

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स्क्रींनिंग कमेटी के चेयरमैन अविनाश पांडेय भी उस टीम का हिस्सा हैं. इससे इतर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी अगले हफ्ते से चुनावी रैली में जुट जाएंगे. इनकी कोई आधिकारिक सूचना तो नहीं है लेकिन सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी की पहली रैली 23 अक्टूबर को हो सकती है.

बता दें कि हाल ही राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ सियासी बबंडर उठा था. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सिंधिया जैसी राह पकड़ ली थी और बगावत कर डाली थी. दावा कर दिया था कि उनके खेमे में इतने विधायक हैं कि गहलोत सरकार को गिरा सकते हैं. करीब 15 दिन तक सियासी ड्रामा चला था.

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अंत में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और उनकी टीम ने किसी तरह से इस विवाद से पार पाया और गहलोत सरकार पर कोई संकट नहीं आई. पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अद्यक्ष के पद से हटा दिया गया. वो अभी भी कांग्रेस में ही हैं. 2015 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 27 सीटों पर जीत मिली थी. इस बार 70 सीटों पर लड़ रही कांग्रेस की उम्मीद ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की है.

Posted By: Utpal kant

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