Bihar Election 2020 : मांझी के बेटे ने बताया किस तरह तेजस्वी के आगे राहुल गांधी भी रहते हैं लाचार, एनडीए में शामिल होने को लेकर कही यह बात…
Bihar Election 2020 पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से) ने गुरुवार को महागठबंधन से नाता तोड़कर राज्य की दलित सियासत को नया रंग दे दिया है. कोर कमेटी की बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने खुद को पीछे कर अपने बेटे एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव सह विधान पार्षद डॉ संतोष कुमार सुमन को आगे कर दिया. कुर्सी पर बैठे पिता के बगल में खड़े होकर संतोष ने राजद और उनके नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को खूब कोसा.
पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (से) ने गुरुवार को महागठबंधन से नाता तोड़कर राज्य की दलित सियासत को नया रंग दे दिया है. कोर कमेटी की बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने खुद को पीछे कर अपने बेटे एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव सह विधान पार्षद डॉ संतोष कुमार सुमन को आगे कर दिया. कुर्सी पर बैठे पिता के बगल में खड़े होकर संतोष ने राजद और उनके नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को खूब कोसा.
राजद का रवैया ठीक नहीं लेकिन एनडीए में जाने पर अभी फैसला नहीं
संतोष का कहना था कि हम बहुत सारे लोगों से बात कर रहे हैं. अकेले चुनाव भी लड़ सकते हैं. अभी तय नहीं हुआ है कि एनडीए में जायेंगे. हालांकि, कुछ भी हो सकता है, हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं. सालों तक साथ देने के बाद महागठबंधन से अलग होने के सवाल पर कहा कि राजद का रवैया ठीक नहीं है. वह राहुल गांधी और रालोसपा के साथ भी अच्छा नहीं कर रही. हम एक साथ बैठने, एक रणनीति बनाने, कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बात कर रहे थे, लेकिन राजद के नेता द्वारा हमारी उपेछा की गयी.
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राहुल गांधी भी राजद के आगे लाचार
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के कहने पर हमने बहुत इंतजार किया. जीतन राम मांझी तीन बार दिल्ली गये. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात की, लेकिन राहुल गांधी भी राजद के आगे लाचार है. हमको समझ में आ गया है कि राजद बिहार और दलित के विकास- हित की नहीं सोच रहा है. बिहार के विकास और दलितों की बात उठाने में हम पिछड़ न जायें इसलिये अलग होने यह निर्णय लिया है. हम अकेले भी चलेंगे तो कोई न कोई साथ आ जायेगा.
जल्दी ही उठ जायेगा पर्दा
राजद से नाराजगी को लेकर महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद हम का अगला कदम क्या होगा, इससे जल्दी ही पर्दा उठ जायेगा. पिछले दिनों जिस तरह से मांझी नीतीश कुमार की तारीफ कर रहे हैं उससे प्रबल संभावना जीतन राम मांझी की घर वापसी को लेकर दिख रही है. जेडीयू में हम का विलय नहीं होता है, तो संभावना है कि वह आठ से 12 सीट पर एनडीए घटक दल के रूप में चुनाव लड़े.
मांझी का महागठबंधन से अलग होना सही नहीं : रालोसपा
महागठबंधन के सहयोगी दल रालोसपा ने जीतन राम मांझी के निर्णय को गलत ठहराया है. रालोसपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि महागठबंधन एक परिवार की तरह है. किसी सदस्य का जाना दुखद है. हम का महागठबंधन से अलग होना सही निर्णय नहीं है. चुनाव से पहले एनडीए की विचारधारा के विपरीत सोच रखने वाले कई दलों को महागठबंधन में शामिल किया जायेगा. हम के चले जाने से जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई चुनाव से पहले कर ली जायेगी. महागठबंधन जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाता रहा है . चुनाव में पढ़ाई , कमाई, दवाई, सिंचाई, कार्रवाई और सुनवाई अहम मुद्दे होंगे.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya