देश के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार 1985 के विस चुनाव में जीत कर सदन पहुंचे थे. इस चुनाव में कांग्रेस को सबसे अधिक सीटें मिली थी और उसी दल की सरकार भी बनी. नालंदा जिले के हरनौत विस सीट पर नीतीश कुमार लोकदल के उम्मीदवार थे. उनके मुकाबले कांग्रेस ने वृजनंदन प्रसाद सिंह को उम्मीदवार बनाया गया था. कुल 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.
नीतीश कुमार के लिए यह प्रतिष्ठा की लड़ाई थी. चुनाव परिणाम जब आया तो इलाके के लोगाें की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. नीतीश कुमार को कुल 49,996 वोट मिले. जबकि, उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेसी उम्मीदवार को 28,578 वोट आये. नीतीश कुमार 21,412 वोटों से चुनाव जीत गये. इसके पहले 1980 के विस चुनाव में नीतीश कुमार को सफलता नहीं मिल पायी थी.
यहीं से उनकी विधायी यात्रा आरंभ हुई. तत्कालीन विधायक अरुण कुमार सिंह पांचवें स्थान पर रहे. इस चुनाव में नीतीश कुमार के मुकाबले भाकपा के राजेंद्र प्रसाद सिंह भी उम्मीदवार थे, जिन्हें मात्र करीब छह हजार वोट मिले थे. 1985 के चुनाव में लालू प्रसाद भी लोकदल से सोनपुर विस सीट पर चुनाव जीत कर आये थे.
कांग्रेस के बाद लोकदल दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. लोकदल के 46 विधायक चुनाव जीत कर आये. कांग्रेस को 196 सीटें मिली. भाजपा को 16, भाकपा को 12, माकपा को एक, जनता पार्टी 13 व निर्दलीय 29 विधायक चुनाव जीते थे.
posted by ashish jha