गया : बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार विभिन्न राजनीतिक पार्टियाें से टिकट न मिलने की स्थिति में नाराज हाेकर कई नेता व कार्यकर्ता बागी हाेकर दूसरे राजनीतिक दलाें का दामन थाम या फिर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं. अब उनके सामने चुनाैती है. राजनीतिक जद्दाेजहद के बीच उन्हें साबित करनी हाेगी जनता के बीच अपनी पैठ.
उन्हें दिखानी हाेगी अपनी ताकत. हालांकि बागियाें की संख्या इस बार पिछले विधानसभा चुनावाें से अधिक है. इससे यह पता चलता है कि पार्टी नेता व कार्यकर्ताओं की पार्टी के प्रति कितनी अपेक्षा बढ़ी है. अब वे कार्यकर्ता नहीं रहे, जाे जमीनी स्तर पर पार्टी नेता खड़ा करके उन्हें नेतृत्वकर्ता बनाते थे. और, तब पार्टी से सिफारिश कर उन्हें टिकट दिलवाते थे.
तब जाे पार्टी कार्यकर्ताओं में त्याग था, वह आज देखने काे नहीं मिलता. आज जल्दीबाजी है. पार्टी में शामिल हुए नहीं कि टिकट पाने की अपेक्षा बढ़ने लगती है. जदयू नेता बाेधगया के पूर्व विधायक टिकट न मिलने की स्थित में बागी हाेकर अजय पासवान ने पार्टी का दामन छाेड़ बाेधगया विधानसभा क्षेत्र से स्वराज पार्टी से नामांकन दाखिल किया.
इसी तरह जदयू के आैरंगाबाद के संगठन प्रभारी कुंडल वर्मा भी पार्टी से बागी हाेकर टिकारी से स्वराज पार्टी के उम्मीदवार बने. जिला पर्षद की पूर्व अध्यक्ष, भाजपा महिला माेर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष रहीं कुमारी शाेभा सिन्हा ने भाजपा से नाता ताेड़कर लाेजपा का दामन थामा आैर इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से पार्टी उम्मीदवार बनीं.
पहले जदयू के युवा जिलाध्यक्ष रहे कमलेश शर्मा पिछले ही महीने राजद का दामन थामा था. पर टिकट नहीं मिलने की स्थिति में लाेजपा का दामन थामा और टिकारी विधानसभा क्षेत्र लाेजपा के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया. ‘हम’ के नेता रहे डॉ मुकेश कुमार यादव टिकट न मिलने की स्थिति में पार्टी से नाता ताेड़ लाेजपा का दामन थामा आैर शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र नामांकन का पर्चा दाखिल किया.
उधर वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से बागी हुए राजीव कुमार कन्हैया ने जाप से नामांकन दाखिल किया है. इसी तरह भाजपा का दामन छाेड़ अरविंद कुमार व विनय कुशवाहा निर्दलीय गुरुआ विधानसभा क्षेत्र से, जबकि जदयू से बागी हुए विनाेद सिंह दांगी पिपुल्स पार्टी से, लालू दांगी आप छाेड़ निर्दलीय व अरुण कुमार गुप्ता जदयू छाेड़ निर्दलीय मैदान में उतरे हैं.
Posted by Ashish Jha