पटना : बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी. इधर, महागठबंधन में शामिल दलों के बीच की गांठ नहीं खुलने का अंतहीन सिलसिला जारी है. चुनाव के पूर्व जो तस्वीर दिख रही है वह यह है कि महागठबंधन के बड़े घटक दल राजद और कांग्रेस के बीच न तो दिल्ली में न ही पटना में कोई वार्ता होती दिख रही है.
रालोसपा और वीआइपी तो अभी किनारे पर बैठकर स्थिति का आकलन कर रही है. इधर , महागठबंधन के कार्यकर्ता है वह सीटों को लेकर चल रहे अंधेरे को छंटना देखना चाहते हैं. सीटों के तालमेल के बाद ही कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल होने के बाद चुनावी बयार बहायी जाती है. कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के देश से बाहर होने के कारण अब सीटों का अंतिम निर्णय कौन लेगा. यह अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है.
इधर , राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी जेल में बंद हैं. राष्ट्रीय स्तर फिलहाल कोई सीट शेयरिंग को बातचीत नहीं चल रही है. कांग्रेस पार्टी ने फिलहाल एकला चलो का रास्ता अख्तियार कर चुनावी सम्मेलनों के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच रही है. उधर कांग्रेस कार्यकर्ता भी उलझन में हैं कि पार्टी तो सभी विधानसभा क्षेत्रों की तैयारी कर रही है. फिर भी उनके हिस्से में कौन- सी सीटें आयेंगी जिसको लेकर उनको अधिक सक्रिय रूप से काम करना है.
पटना पहुंचने वाले किसी कांग्रेसी नेता ने अभी तक न तो राबड़ी देवी से और न ही विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद से मुलाकात की है. कांग्रेस नेताओं से सीटों के बंटवारे और चुनावी चेहरे को लेकर जब भी प्रश्न पूछा जाता है तो जवाब होता है कि समय आने पर स्पष्ट कर दिया जायेगा. अभी तक महागठबंधन का चुनावी चेहरा भी स्पष्ट नहीं हो सका है.
posted by ashish jha