बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्यूलर फ्रंट (जीडीएसएफ) ने सात सीट जीतकर अपनी दमदार उपस्थित दर्ज करायी है़ हालांकि छह दल वाले इस फ्रंट के नेता और सीएम पद के चेहरा उपेंद्र कुशवाहा खुद कोई कमाल नहीं कर सके. उनकी पार्टी रालोसपा सभी सीट हार गयी है़. रालोसपा पिछली बार एनडीए के साथ 23 सीटों लड़ी थी और दो सीटों पर जीत मिली थी़.
रालोसपा ने पिछली बार कुल मतदान का 2.56 फीसदी वोट हासिल किया था. इस बार 104 सीटों पर लड़ी, सीट ही नहीं हारी बल्कि कुल 1.77 फीसदी ही वोट हासिल कर सही. हालांकि जीडीएसएफ कई सीटों पर महागठबंधन का गणित बिगाड़कर उसे सत्ता से अलग करने में जरूर कामयाब रहा है़. सीमांचल क्षेत्र में यादव-मुस्लिम और यूपी से सटे जिलों में दलित वोटों में सेंध लगायी है़.
बसपा ने दो सीट और एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर जीत हासिल की है. उपेंद्र कुशवाहा ने हार स्वीकार ली है़ परिणाम के बाद उन्होंने ट्वीट किया है. कि दोस्तो हां, हम चुनाव हार गये मगर ध्यान रहे, बस चुनाव हारे हैं. हिम्मत नहीं. उपेंद्र कुशवाहा जिस काराकाट लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गये थे वहां भी पार्टी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा है़. पूर्व विधायक रविंद्र राय, पार्टी के संस्थापक सदस्य शिवेंद्र कुमार, रामपुकार सिन्हा चर्चित चेहरा थे़.
पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के बेटे अजय सिंह जुमुई से चुनाव हार गये है. गोह से उम्मीदवार पूर्व विधायक डा. रणविजय कुमार को भी जीत नहीं मिली़. एलायंस ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ़्रंट की ओर से उपेंद्र कुशवाहा ने क़रीब 150 चुनावी सभा को संबोधित किया. असदुद्दीन ओवैसी ने लगभग 100 चुनावी सभाओं को संबोधित किया. बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस एलायंस की ओर से दो चुनावी सभा को संबोधित किया था .
Published By: Thakur Shaktilochan