Bihar Election 2020: ओवैसी, अखिलेश, मायावती सहित कई नेता बिहार में तलाशते रहे जगह, जानिए कितनी मिली सफलता…

Bihar Election 2020 पटना- बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM सहित बसपा व अन्य दलें इस साल के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने वाली हैं. हालांकि अन्य राज्यों की पार्टियों का प्रदर्शन लगातार खराब होता रहा है. बिहारी वोटर दूसरे राज्य की पार्टी को लगातार नकारते रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2020 10:06 AM

Bihar Election 2020 पटना- बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM सहित बसपा व अन्य दलें इस साल के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने वाली हैं. हालांकि अन्य राज्यों की पार्टियों का प्रदर्शन लगातार खराब होता रहा है. बिहारी वोटर दूसरे राज्य की पार्टी को लगातार नकारते रहे हैं.

बीते विधानसभा चुनाव में ऐसी कुल नौ पार्टियों ने हाथ आजमाया

बीते विधानसभा चुनाव में ऐसी कुल नौ पार्टियों ने हाथ आजमाया था. इनमें से कई पार्टियां ऐसी भी हैं, जो अपने मूल राज्य में सरकार बनाती रही हैं. इनमें यूपी की सपा, ओवैसी की एआइएमआइएम, झारखंड की जेएमएम आदि पार्टियां चुनाव लड़ी थीं, लेकिन किसी भी पार्टी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई, जबकि जेएमएमए 32 सीटों पर लड़ी थी और समाजवादी पार्टी ने 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल की छह सीटों पर अपनी दावेदारी रखी थी. इसके अलावा भी अन्य राज्यों की पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे थे, जो 2015 के चुनाव में सफल नहीं हो सके. बिहारी वोटर दूसरे राज्य की पार्टियों को लगातार नकारते रहे हैं.

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सपा कर रहा है सबसे बेहतर प्रदर्शन

अन्य राज्य की पार्टियों में अब तक सबसे बेहतर प्रदर्शन यूपी की समाजवादी पार्टी का रहा है. 2005 के फरवरी विधानसभा चुनाव में इस पार्टी ने 142 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. इनमें चार सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की थी. वहीं, जब इसी वर्ष फरवरी में चुनाव हुआ, तो पार्टी को मात्र दो सीटों से संतोष करना पड़ा. इसके बाद 2010 व 2015 के चुनावों में एक भी सीट जीत नहीं पायी. दूसरे नंबर पर झारखंड की जेएमएम को एक बार सफलता हाथ लगी है. पार्टी को 2010 में पहली बार एक सीट पर जीत मिली थी. इस दौरान पार्टी ने 41 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. फिर 2015 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम ने 32 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, लेकिन किसी सीट पर भी सफलता नहीं मिली.

समीकरण बदलने तक का असर नहीं

राष्ट्रीय पार्टी, राज्य स्तरीय पार्टी व कुछ सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों के अलावा दूसरे किसी भी दल का असर बिहार विधानसभा चुनाव में नहीं पड़ा है. दूसरे राज्यों की पार्टियों के उम्मीदवार अधिकतर सीटों पर जीत के समीकरण बदलने, अपने क्षेत्र से दूसरे उम्मीदवार के वोट काटने तक असर नहीं कर पाते. इसके बावजूद हर बार विधानसभा चुनाव में दूसरे राज्यों की सात से नौ पार्टियां मैदान में आती हैं.

आंकड़े एक नजर में

वर्ष – कुल पार्टियां (दूसरे राज्य की)- कुल उम्मीदवार

2005 ( फरवरी) – सात – 308

2005 ( अक्तूबर) – आठ – 202

2010 – नौ – 365

2015 – नौ – 280

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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