नमन चौधरी , नाथनगर : विधानसभा चुनाव आते ही नाथनगर के किसानों की मांग जोर पकड़ने लगी है. स्थानीय लोग इस बार मृतप्राय हो चुकी महमूदा नदी को फिर से जागृत करने की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस बार वोट मांगने आनेवाले उम्मीदवारों से पहले इस नदी के जीर्णोद्धार का इकरार कराया जायेगा, जो उनके हित के बारे में सोचेगा, उसे वोट दिया जायेगा.
किसानों ने बताया कि बांका के चांदन नदी की शाखा महमूदा और अंधरी नदी जब जीवित थी, तो किसानों की फसल लहलहाती थी. बालू के उत्खनन से चांदन नदी के गहरा होने से महमूदा मृत हो गयी. 15 सालों से इस नदी में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं आता है.
इससें नाथनगर के पांच पंचायत कजरैली, गौराचौकी, विशनारामपुर, भतोड़िया, बेलखोरिया के दो दर्जन से अधिक गांवों के किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. किसान खेतों में हजारों रुपये खर्च कर फसल लगाते हैं, लेकिन पानी के अभाव में फसल सूख जाती है. खेती नहीं होने से इलाके में सबसे अधिक पलायन हुआ है.
गौराचौकी के किसान रुद्रनारायण सिंह, तारकेश्वर आजाद, पप्पू सिंह व बबलू सिंह बताते हैं कि चांदन नदी में छिटका का निर्माण कर पानी को रोका जाये और उस पानी को महमूदा तथा अंधरी नदी की ओर किया जाये, तो फिर से खेत लहलहा उठेंगे. दोनों नदी की खुदाई कर उसमें बांध बना पानी खेतों तक पहुंचाया जा सकता है.
Posted By Ashish Jha