पटना: राजद के प्रधान महासचिव एवं पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को 30 जुलाई को लिखे एक औपचारिक पत्र में डब्ल्यूएचओ के एक आकलन के आधार पर बताया है कि बिहार में अक्तूबर-नवंबर में चुनाव कराना मुश्किल होगा़. यह देखते हुए कि उस समय यहां कोरोना संक्रमण चरम पर होगा़ ऐसे में चुनाव आयोग को राज्य में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण हो जायेगा़ चुनाव आयोग को देखना चाहिए कि विशेषकर इवीएम से कोरोना संक्रमण मुक्त चुनाव कराये जा सकते हैं या नहीं?
विभिन्न रिपोर्ट के आधार पर इस पत्र में आशंका जाहिर की गयी है कि इवीएम की प्लास्टिक अथवा धात्विक सतह पर कोरोना का वायरस अधिक समय तक सक्रिय रहता है़. इस संदर्भ में मांग की गयी कि अगर इन तमाम आशंकाओं के बीच भी चुनाव कराने की परिस्थितियां मौजूद हों तो चुनाव पारंपरिक तरीके से विशेषकर बैलेट पेपर से कराया जाये़.
साथ ही राजद नेता ने डिजिटल कैंपेन को खारिज करने आ आग्रह किया़ साफ किया कि डिजिटल इलेक्शन कैंपेन चुनाव मैदान को असमान कर देता है़ राजद ऐसे किसी चुनावी कैंपने को मान्यता देने के पक्ष में नहीं है, जिसका चरित्र निषेधात्मक हो़. इससे लोकतंत्र में संवाद सीमित हो जाता है़. साथ ही राजद नेता ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि प्रति पोलिंग बूथ मतदाताओं की संख्या एक हजार की अपेक्षा केवल 250 की जाये़. ताकि संक्रमण मुक्त रखने दो गज की दूरी सुनिश्चित की जा सके़.
राजद के प्रधान महासचिव सिद्दिकी ने आयोग से यह पूछा है कि वह बताये कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अभी तक उठाये गये कदमों से वह संतुष्ट है? आयोग को लगता है कि इस समयावधि में चुनाव कराये जा सकते हैं तो उन परिस्थितियों की रिपोर्ट मतदाताओं के बीच साझा करे, जिसके आधार मतदाता चुनाव प्रक्रिया में खुलकर भाग लेने के बारे में अपनी राय बना सके़.
उल्लेखनीय है कि निर्वाचन आयोग ने 31 जुलाई तक वर्चुअल और डिजिटल कैंपेन को लेकर सभी राजनीतिक दलों से उनका अभिमत मांगा था़. इसी क्रम में राजद ने 13 बिंदुओं पर आधारित अपना अभिमत आयोग को भेजा है़. पत्र में कारेाना संक्रमण के संदर्भ में विस्तार से आंकड़े दिये गये हैं.
Posted By : Thakur Shaktilochan Shandilya