पटना : जनता पार्टी की सरकार गिर जाने के तुरंत बाद 1980 में विधानसभा के चुनाव हुए. कांग्रेस इस चुनाव में एक बार फिर देश और बिहार की सत्ता पर काबिज हुई. बिहार में चुनाव प्रचार करने इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी भी आये.
पटना के संजय गांधी स्टेडियम जो पहले गर्दनीबाग एथलेटिक क्लब जीएसी मैदान के नाम से विख्यात था, में उनकी सभा आयोजित की गयी थी. यह इलाका पटना पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में आता था. कांग्रेस पार्टी ने संजय गांधी के मित्र कहे जाने वाले और शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक आरएचपी सिन्हा के बेटे रंजीत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया था.
भाजपा की ओर से पूर्व उद्योग मंत्री ठाकुर प्रसाद मैदान में थे. संगठन कांग्रेस की ओर से पटना के तत्कालीन महापौर केएन सहाय उम्मीदवार थे. मुजफ्फरपुर के मूल निवासी केएन सहाय भी पटना में पोपुलर रहे थे.
इसी क्रम में जीएसी मैदान में संजय गांधी की सभा हुई. देर शाम पहुंचे संजय गांधी ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि यहां के कांग्रेसी उम्मीदवार रंजीत सिन्हा की जीत हुई, तो उन्हें मंत्री बनाया जायेगा. 1977 में जिस तरह कांग्रेस का पतन हुआ था, उसी प्रकार 1980 में कांग्रेस के पक्ष में हवा बनती जा रही थी.
चुनाव परिणाम जब आया, तो रंजीत सिन्हा भारी मतों से जीत गये. 38 साल बाद कांग्रेस की जीत इस सीट पर हुई थी. उन्हें डाॅ जगन्नाथ मिश्र और बाद में चंद्रशेखर सिंह की सरकार में उपमंत्री और राज्य मंत्री बनाया गया. ठाकुर प्रसाद तीसरे नंबर पर रहे.
दूसरे स्थान पर केएन सहाय आये. कांग्रेस को इस चुनाव में कुल 169 सीटें आयीं और उसकी पूर्ण बहुमत की सरकार बन गयी. जनता पार्टी कई ग्रुप में बंट गयी. जनसंघ का गुट भाजपा बन कर बाहर आया.
इसके 21 विधायक जीत कर आये,जबकि जनता पार्टी जेपी को 13, जनता पार्टी चौधरी चरण सिंह ग्रुप के 42 और जनता पार्टी सेकुलर राजनारायण ग्रुप के एक विधायक चुनाव जीते.
Posted by Ashish Jha