पटना: महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मुद्दा गरमा रहा है. रालोसपा नाराज नजर आ रही है. पार्टी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी की आपातकालीन संयुक्त बैठक बुलायी है. पटना के राजीव नगर स्थित एक कम्युनिटी हॉल में 11 बजे होने वाली इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा पार्टी पदाधिकारियों को महागठबंधन में सीटों को लेकर अब तक हुई बातचीत की जानकारी देंगे. इसके बाद पार्टी की जो राय सामने आयेगी, उस पर अमल करने की घोषणा की जायेगी.
बैठक के बाद कड़े निर्णय लिये जाने की संभावना पर पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वह इस बात का न तो खंडन कर रहे हैं और न ही स्वीकार कर रहे हैं. वहीं, सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन से टूटकर एनडीए का हिस्सा बने हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कुशवाहा को पीएम नरेंद्र मोदी या जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से संवाद करने की सलाह दी है.
रालोसपा ने विधानसभा चुनाव में करीब 35 सीटों की मांग की थी. उपेंद्र कुशवाहा इस मामले में तेजस्वी प्रसाद यादव से दो बार मिले भी थे. इससे पहले पार्टी पदाधिकारी सूची के साथ राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद से उनके कार्यालय में मिले थे. रालोसपा सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन का सबसे बड़ा दल राजद रालोसपा को 10-12 सीटों से अधिक देने को तैयार नहीं है. रालोसपा के नेताओं का मानना है कि जब सीटों से ही समझौता करना है तो एनडीए बेहतर विकल्प साबित होगा.
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रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि यह चिंता की बात है कि महागठबंधन के दो सबसे बड़े दल कांग्रेस- राजद में भी अभी सामंजस्य नहीं बैठा है. इससे जनता चिंतित है. गुरुवार को राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी के साथ हम सभी परिस्थितियों पर मंथन करेंगे. प्रधान महासचिव का कहना था कि राजनीति संभावनाओं की चीज है. बैठक के बाद कठोर से कठोर निर्णय लेने में नहीं हिचकेंगे. जनता को शिक्षा- स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधा देने में जो रुचि रखते हैं, उनका साथ देने में हमें कोई दिक्कत नहीं है.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि हम तो पहले ही कहते थे कि राजद मनमानी कर रहा है. उसका अपना हिडन एजेंडा है. देर-सवेर महागठबंधन के सभी दलों को समझ आ जायेगा.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya