Bihar Election 2020: राजद और वामदलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू, राजद सुप्रीमो ने मामले की संभाली कमान…
पटना: राजद और वाम दलों के बीच सीटों की खींचतान शुरू हो गयी है. वाम दल सीट आवंटन का खुलासा चाहते हैं. वहीं राजद अभी मुठ्ठी खोलने के लिए तैयार नहीं है. इस मामले में पूरी सतर्कता बरत रहा है. दरअसल वाम दलों के लिए राजद ने जितनी सीटों की की अपेक्षा कर रखी है, उतनी सीटें तो अकेला भाकपा माले मांग रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक ऐसी परिस्थिति में राजद सुप्रीमो ने खुद सीटों की कमान संभाली है.
पटना: राजद और वाम दलों के बीच सीटों की खींचतान शुरू हो गयी है. वाम दल सीट आवंटन का खुलासा चाहते हैं. वहीं राजद अभी मुठ्ठी खोलने के लिए तैयार नहीं है. इस मामले में पूरी सतर्कता बरत रहा है. दरअसल वाम दलों के लिए राजद ने जितनी सीटों की की अपेक्षा कर रखी है, उतनी सीटें तो अकेला भाकपा माले मांग रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक ऐसी परिस्थिति में राजद सुप्रीमो ने खुद सीटों की कमान संभाली है.
माले सीटों का कोटा अन्य वाम दलों से इतर मांग रहा
जानकारी के मुताबिक माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और राजद आलाकमान के बीच सीधी बातचीत हो रही है. इस मामले में राजद ने सीपीआइ और सीपीएम से भी अनौपचारिक तौर पर आग्रह किया है कि वह भाकपा माले से बात कर सीट साझेदारी को साफ कराये. दरअसल सीपीआइ और सीपीएम अलग मांग कर रहे हैं. माले सीटों का कोटा अन्य वाम दलों से इतर मांग रहा है. माले राजद का पुराना साझीदार रहा है. जानकारों के मुताबिक राजद माले को खोना नहीं चाहता है.
कम्युनिस्ट के कैडर की है महत्ता
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक महागठबंधन और एनडीए गठबंधन दोनों को कम्युनिस्ट कैडर की महत्ता का पता है. उसके जमीनी स्तर पर मौजूद कार्यकर्ता महागठबंधन के लिए चुनावी लाइफलाइन बन सकते हैं. वहीं, कम्युनिस्टों को भी पता है कि इस चुनाव में अगर वे अपनी ताकत को सीट में तब्दील में कायम नहीं कर सके तो वे बची- खुची ताकत भी खो सकते हैं. लिहाजा राजद और कम्युनिस्ट दोनों एक दूसरे की जरूरत बन गये हैं. दरअसल माले चाहती है कि जितनी सीटों पर वह पिछले चुनाव में लड़ी थी , इस बार भी वह उतनी ही सीटें चाहता है. सीपीआइ और सीपीएम के निकट आने से वह आंकड़ा राजद देने में कठिनाई महसूस कर रहा है.
Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya