पटना : राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार जमालपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार के रूप में लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. पहली बार उन्होंने राजद के किले में सेंधमारी कर राजद के उपेंद्र प्रसाद वर्मा को परास्त किया था. 2005 से 2015 तक के उन चुनावों की खास बात यह है कि विजयी और मुख्य प्रतिद्वंद्वी को छोड़ अन्य सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. इस बार उनकी सीट जमालपुर महागठबंधन के निशाने पर है.
शैलेश कुमार ने पहली बार 2005 में राजद के उपेंद्र प्रसाद वर्मा को करीब 32706 वोटों से हराया था. 2000 के विधानसभा चुनाव में उपेंद्र प्रसाद वर्मा ही जमालपुर विधानसभा क्षेत्र से विजयी रहे थे. सूत्रों का कहना है कि बाद में 2010 और 2015 के विधानसभा चुनावों में जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में जदयू का मुख्य प्रतिद्वंद्वी लोजपा रही. ऐसे में बतौर जदयू उम्मीदवार शैलेश कुमार ने 2010 में लोजपा की उम्मीदवार साधना देवी को 21142 वोटों से पराजित किया था. वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में बतौर जदयू उम्मीदवार शैलेश कुमार ने लोजपा के उम्मीदवार हिमांशु कुंवर को 15476 वोटों से हराया था.
जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में 2015 में मतदाताओं की संख्या करीब दो लाख 96 हजार 356 थी. करीब 49.70 फीसदी मतदान हुआ था. जदयू के शैलेश कुमार को 67 हजार 273 वोट मिले वहीं लोजपा के उम्मीदवार हिमांशु कुंवर को 51 हजार 797 वोट मिले. इस तरह शैलेश कुमार ने 15 हजार 476 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार जमालपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 2005 में नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. इसमें से सात उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. वहीं, 2010 के विधानसभा चुनाव में 17 उम्मीदवारों ने वहां से चुनाव लड़ा था. उसमें से 15 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी थी. 2015 के विधानसभा चुनाव में 12 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा जिसमें से 10 की जमानत जब्त हो गयी थी.
posted by ashish jha