पटना : राजद नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि नल जल योजना पर लगातार शोर मचाने वाली बिहार की डबल इंजन सरकार कुल बजट का सिर्फ चार फीसदी पेयजल आपूर्ति व सैनिटेशन पर क्यों खर्च कर सकी? यह राशि भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है.
रविवार को उन्होंने जारी अपने सवालों की सूची में बिहार में कुपोषण एवं भुखमरी पर भी सवाल किये हैं. पूछा कि बिहार की बेरोजगारी पर अंकुश क्यों नहीं लगा? बिहार के विशेष राज्य के दर्जे का क्या हुआ? उनके यह सवाल तब आये हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश में चुनाव दौरे पर हैं.
राजद नेता ने पूछा कि प्रदेश में कुल बजट का भूख खत्म करने पर दो फीसदी से भी कम राशि क्यों खर्च की गयी? राज्य की एनडीए सरकार कुछ क्यों नहीं कर पायी? पीएचडी और इंजीनियरिंग और अन्य उच्च डिग्रीधारियों को चपरासी और माली की भर्ती के लिए क्यों आवेदन करना पड़ रहा है? प्रदेश में बेरोजगारी 46 फीसदी क्यों है?
तेजस्वी ने जोर देकर पूछा कि लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को किन हालात में पैदल घर लौटना पड़ा? उन्हें मदद क्यों नहीं दी जा सकी? उसके लिए जवाबदेह कौन है? साथ ही उन्होंने पूछा कि मनरेगा योजना के तहत किये गये कार्यों का भुगतान चार महीने से क्यों नहीं किया गया?
इसके लिए राज्य और केंद्र में दोषी कौन है? अप्रैल से अगस्त के बीच कुल 11 लाख परिवारों को जॉब कार्ड जारी किये जाने के बावजूद बिहार में केवल 2,132 परिवारों को 100 कार्य दिवस में रोजगार दिया जा सका. शेष लाखों मजदूरों को काम क्यों नहीं मिला?
पूछा कि राज्य की एनडीए सरकार अपने कुल बजट का केवल दो फीसदी महादलितों पर क्यों खर्च कर पाती है? एक लाख 65 हजार करोड़ के विशेष पैकेज की कितनी राशि बिहार को प्राप्त हुई और उसका कितना प्रतिशत विकास कार्यों पर खर्च हुआ? अगर पूर्ण राशि जारी नहीं हुई, तो उसका जिम्मेदार कौन है?
Posted by Ashish Jha