शशिभूषण कुंवर, पटना: बिहार में चुनाव हो तो उसकी चर्चा और बहस हर गांव-कस्बे के साथ शहर की चाय-पान की दुकानों से लेकर नुक्कड़ों तक होती है. यह चर्चा चुनाव के पहले, चुनाव के दिन और परिणाम आने के बाद तक चलती रहती है. लोकल ट्रेन में सफर करनेवाले तो हर स्टेशन के बाद ही चुनाव को लेकर होनेवाली बहस की दिशा मोड़ते रहते हैं. लोकल ट्रेन में हर स्टेशन पर यात्रियों के उतरने-चढ़ने के साथ ही नयी चुनावी बहस की गुंजाइश बनी रहती है. मतदाता बदले, तकनीक बदली और तरीका बदला तो यह चुनावी लड़ाई मोबाइल एप, वेबपोर्टल व फोन के माध्यम से हाइब्रिड युद्ध के तौर पर लड़ी जा रही है. इस जंग में सभी दल अपने तरीके से जुड़ गये हैं. फिर बहस के वायरल होने से लेकर ट्रोल के दौर तक पहुंचती है.
पुरानी पीढ़ी के लिए बिहार विधानसभा चुनाव 2020 भले ही जनता के बीच जाकर भीड़ को संबोधित करनेवाली लग रही हो. हैंडबिल, पैंफलेट और दीवार लेखन के दौर से अब चुनावी लड़ाई आगे निकल चुकी है. भाजपा जहां इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 70 वें जन्मदिन पर नो नमो क्विज एप को लांच किया है. इस एप पर क्विज में प्रधानमंत्री के बारे में सही सवालों का जवाब देने पर उपहार के रूप में उनके हस्ताक्षर वाली पुस्तक दी जायेगी. यह क्विज 17 सितंबर से 21 सितंबर तक होगी. इसमें 20 सवाल होंगे जिनका जवाब 10 मिनट में देना होगा. इसके माध्यम से भाजपा ने युवा मतदाताओं को आकर्षित करने का अभियान छेड़ दिया है.
इधर, राजद ने सरकार को घेरने के लिए बेरोजगारी को मुद्दा बनाया है. हाइब्रिड रूप से राजद ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए शनिवार काे एक पोर्टल लांच किया गया. साथ ही राजद ने एक टॉल फ्री नंबर भी जारी किया है. इसका मकसद है कि राज्य के बेरोजगार अपना रजिस्ट्रेशन इन दोनों पोर्टल या टॉल फ्री नंबर पर दर्ज करावें. राजद ने दावा किया है कि इस पोर्टल और नंबर पर कोई भी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है. राजद उन बेरोजगारों की सूची तैयारी करायेगा और सरकार बनने के बाद मेगा ड्राइव चलाकर स्वास्थ्य, शिक्षा और पुलिस विभाग में खाली पड़े पदों को भरा जायेगा.
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हाइब्रिड चुनावी युद्ध में प्रदेश कांग्रेस की युवा विंग भी कूद पड़ी है. प्रदेश युवा कांग्रेस ने रोजगार दो डिजिटल रैली की शुरुआत चुनाव के पहले शुरू की है. रोजगार दो डिजिटल रैली कार्यक्रम में बिहार में बेरोजगारी को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है. फोन और मिस्ड कॉल सेवा के जरिए बेरोजगारों को जोड़ने की कोशिश कर रही है.
Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya