दूसरे व तीसरे चरण के विधानसभा चुनाव के मुकाबले प्रथम चरण में बुधवार को सबसे अधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का चुनाव संपन्न हो गया. जमुई, लखीसराय, गया, नवादा, पटना आदि जिलों के नक्सल प्रभावित विधानसभा बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान हुए.
एडीजी, मुख्यालय जीतेंद्र कुमार ने बताया कि पहले चरण में सबसे अधिक नक्सल प्रभावित बूथों की संख्या थी. कुल 16730 चुनाव भवन में 2856 भवन नक्सल प्रभावित क्षेत्र में थे. इसके लिए विशेष संख्या में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी थी. मुंगेर में भी अतिरिक्त बल की तैनाती की गयी थी.
उन्होंने बताया कि झारखंड व यूपी से लेकर सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता बरती गयी थी. चुनाव के दौरान आवाजाही पर रोक लगाया दिया गया था. कुछ एक बूथों पर छिटपुट हिंसा के बीच चुनाव प्रक्रिया पूरी की गयी.
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव के दौरान अब तक 601 अवैध हथियार जब्त किये गये हैं. 31108 लाइसेंसी हथियारों का सत्यापन किया गया है. 1347 लाइसेंस रद्द किये गये हैं. एक लाख 27 हजार छह सौ 54 लोगों को बंध पत्र भरवाया गया है. 606 चेक पोस्ट, 2020 लोगों पर सीसीए के तहत कार्रवाई की गयी है. वहीं 337 मामले आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के दर्ज किये गये हैं.
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गौरतलब है कि चुनाव में सामान्य प्रेक्षकों की संख्या 35, अभ्यर्थी व्यय अनुश्रवण के लिए प्रेक्षकों की संख्या 21, पुलिस प्रेक्षकों की संख्या 11, माइक्रो प्रेक्षकों की संख्या 2123, मॉडल मतदान केंद्रों की संख्या 119 थी. कई बूथों से लाइव टेलिकाॅस्ट किया गया था. सभी मतदान केंद्रों को मिला कर 1708 वीडियो कैमरा लगाये गये थे.नक्सलग्रस्त क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये थे. चुनाव आयोग के निर्देश पर वहां हेलिकाॅप्टर से निगरानी की जा रही थी.
Posted by: Thakur Shaktilochan