Bihar Election: जदयू (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM nitish kumar) ने गुरुवार को पूर्णिया के धमदाहा में विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण की आखिरी सभा में एलान किया कि यह मेरा अंतिम चुनाव प्रचार है. यह मेरा अंतिम चुनाव है. अंत भला तो सब भला.
नीतीश कुमार के इस बयान के बाद जदयू ने स्पष्ट किया है कि उनके बयान का आशय राजनीतिक संन्यास लेना नहीं है. सीएम ने अंतिम दिन कटिहार और पूर्णिया जिलों की पांच विधानसभा क्षेत्रों में सभाओं को संबोधित किया.
उन्होंने लोगों को बताया कि कैसे उनकी सरकार ने हमेशा बेटियों को आगे बढ़ाने और उन्हें समाज में सम्मानजनक जगह दिलाने के लिए काम किया है. मुख्यमंत्री ने कटिहार की एक सभा में कहा, जब साइकिल योजना शुरू हुई तो मेरी आलोचना होती थी. लोग कहते थे कि लड़कियों को तंग किया जायेगा, पर हमने कहा कि कोई तंग नहीं करेगा.
हमने सभी लड़कियों को साइकिल दी और उनको सशक्त किया. कटिहार के ही मनिहारी में हुई सभा में मुख्यमंत्री ने कहा, हमने जीविका समूह चलाया, जिसमें विश्व बैंक से कर्ज लेकर 10 लाख जीविका समूहों की शुरूआत की.
एक करोड़ 20 लाख महिलाएं जुड़ गयीं. उनमें जागृति आयी है. परिवार की आमदनी बढ़ी है. उन्होंने आगे कहा कि हमने औद्योगिक नीति बना दी है. इससे इतना व्यापार बढ़ेगा कि किसी को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सभी चीजों का उत्पादन यहीं होगा.
सीमांचल क्षेत्र से अपने लगाव को दर्शाते हुए जदयू अध्यक्ष ने कटिहार की एक सभा में कहा, हमारा आपसे पुराना संबंध है. जब से हमें काम करने का मौका मिला, तो हमने न्याय के साथ विकास किया. हर तबके के विकास का काम किया.
हर क्षेत्र के विकास का काम किया. जब बाढ़ से पूरा इलाका घिर जाता है, तो ऐसा कौन सा साल है, जब हम नहीं आये और एक-एक चीज पर ध्यान नहीं दिया. हमने सबको राहत मुहैया करवाया.
पूर्णिया के रुपौली में जदयू की महिला उम्मीदवार के पक्ष में वोट की अपील करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, महिलाओं को जनप्रतिनिधित्व का अवसर दिया. महिलाओं की प्रतिबद्धता बहुत होती है, जो उनके क्षेत्र में विकास की बात होती है, वो सिर्फ उसी पर बात करती हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि हमने सभी को सहायता दी. अनाज दिया, फ़सल के नुकसान की भरपाई की. हमने काम किया है, लोगों की सेवा की है. हमने हर बार कहा है कि सरकारी खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है.
चुनाव प्रचार की आखिरी जनसभा धमदाहा में उन्होंने कहा कि हम लोगों ने तय किया था हर गांव को सड़क से जोड़ने का. पर, इसके साथ ही पास के टोला को भी हमने संपर्क योजना के तहत जोड़ दिया. जो हम बोलते हैं, वो करते हैं और एक-एक काम को करने की कोशिश करते हैं.
इस बीच जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने गुरुवार देर शाम स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार के वक्तव्य का मतलब राजनीति से संन्यास लेना नहीं है. राजनीति करने वाले और सामाजिक जीवन में काम करने वाले लोग कभी रिटायर नहीं होते. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के वक्तव्य को लोगों ने ठीक से नहीं सुना है.
नीतीश कुमार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. ऐसे में अंतिम चुनाव है, वह ऐसा कैसे कह सकते हैं? साथ ही अंत भला तो सब भला जो उन्होंने कहा, वह इस चुनाव के अंतिम प्रचार अभियान और अंतिम भाषण के बारे में कहा.
बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने पार्टी के उम्मीदवार के लिए कहा था कि चुनाव में अंतिम भाषण है. उन्होंने कहा कि इस तरह का फैसला नीतीश कुमार कैसे ले सकते हैं. उन्होंने बिहार को सजाया, संवारा और खड़ा किया है. बिहार अब विकासशील से विकसित राज्य बनने की तरफ अग्रसर है. उन्होंने बिहार का मैप बनाया है, देश के मानचित्र पर बिहार है.
बशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि राजनीति करने वाले और सामाजिक जीवन में काम करने वाले लोग कभी रिटायर नहीं होते. अंतिम दम तक जिन वसूलों पर चलते हैं, जो राह लोग चुनते हैं, उस पर बने रहते हैं. गांधी, लोहिया, जयप्रकाश जैसे पुरोधा कभी रिटायर नहीं हुए. लोग जब घर बैठ भी जाते हैं, तब भी उनकी राजनीति में दिलचस्पी बनी रहती है और वे वहां से भी राजनीति करते रहते हैं.
Posted by Ashish Jha