जमुई जिले की चार विधानसभा सीटों में जमुई, सिकंदरा (सुरक्षित), झाझा और चकाई में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 28 अक्तूबर को मतदान होना है. इनमें जमुई व चकाई में राजद, झाझा में भाजपा और सिकंदरा में कांग्रेस का कब्जा है. इस बार दोनों गठबंधनों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है क्योंकि लोजपा, रालोसपा और बागी निर्दलीय उम्मीदवार समीकरण को ध्वस्त करने में लगे हैं. रिपोर्ट : जमुई से पंकज सिंह
जमुई में महागठबंधन से राजद प्रत्याशी विजय प्रकाश, एनडीए से भाजपा की श्रेयसी सिंह, रालोसपा से पूर्व विधायक अजय प्रताप और जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) से मो शमशाद आलम चुनाव मैदान में डटे हैं. इस सीट से कुल 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
मुकाबला काफी रोचक होता दिख रहा है क्योंकि भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर अजय प्रताप रालोसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में डटे हैं. अजय प्रताप पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र हैं, श्रेयसी सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व दिग्विजय सिंह की पुत्री हैं और विजय प्रकाश पूर्व मंत्री सह राजद नेता जयप्रकाश नारायण यादव के भाई हैं.
जिस प्रकार प्रत्याशियों द्वारा मतों को अपनी-अपनी ओर करने की कोशिश की जा रही है, उससे चुनाव परिदृश्य बदलता दिख रहा है. राजद प्रत्याशी को परंपरागत वोट बैंक यादव के अलावा मुसलमान पर भरोसा है. एनडीए प्रत्याशी श्रेयसी सिंह को पार्टी के परंपरागत वोट के अलावा सवर्ण मतों पर भरोसा है.
सिकंदरा सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला बड़ा ही दिलचस्प व रोचक होने वाला है. एक ओर कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी चुनावी मैदान में हैं, तो दूसरी ओर एनडीए समर्थित से हम नेता प्रफुल्ल मांझी, लोजपा से रविशंकर पासवान, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व में जदयू और कांग्रेस से मंत्री रहे रामेश्वर पासवान, पूर्व राज्यसभा सांसद ब्रह्मदेव आनंद पासवान, इ आइपी गुप्ता, सुभाष पासवान, सिंधु पासवान व शिवशंकर चौधरी मुकाबला को रोचक बनाने में लगे हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
झाझा विधानसभा में इस बार मुकाबला काफी रोचक नजर आ रहा है. इस सीट पर निवर्तमान विधायक डाॅ रवींद्र यादव का कब्जा था. इन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप जीत हासिल किया था. इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. वे लोजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं.
जदयू उम्मीदवार के रूप में पूर्व मंत्री सह जदयू नेता दामोदर रावत मैदान में हैं. राजद ने राजेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. राजद में सक्रियता से लगे रहे बिनोद यादव टिकट नहीं मिलने पर पार्टी छोड़कर बसपा के टिकट पर झाझा से मैदान में हैं. यादव बहुल इस विधानसभा क्षेत्र में एक ही जाति के तीन उम्मीदवारों के रहने से वोटों के बिखराव की आशंका जतायी जा रही है.
चकाई विधानसभा क्षेत्र में भी मुकाबला काफी रोमांचक बना हुआ है. राजद से निवर्तमान विधायक सावित्री देवी को ही उम्मीदवार बनाया गया है. जदयू से हाल के दिनों से राजद से जदयू की सदस्यता लेने वाले एमएलसी संजय प्रसाद को टिकट दिया गया है.
बीते कई वर्षों से जदयू में रहे पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर क्षेत्र के लोगों की मांग पर निर्दलीय ही चुनाव मैदान में हैं. लोजपा से संजय कुमार मंडल और झामुमो से एलिजाबेथ सोरेन सहित 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र स्थित इस विधानसभा में विकास का मुद्दा भी अहम बना हुआ है.
Posted by Ashish Jha