Bihar Election Results 2020: बिहार की सत्ता पर काबिज रहने वाली एनडीए में जीत का जश्न जारी है. कड़े मुकाबले में एनडीए ने 125 सीटों पर जीत निश्चित करके महागठबंधन को करारा जवाब दिया है. कोरोना संकट में हुए बिहार चुनाव में एनडीए की दो पार्टियों, खासकर बीजेपी और जेडीयू, के दिग्गजों ने चुनाव प्रचार में विपक्ष पर हमले किए और अपनी उपलब्धियां गिनाई. नतीजा सामने है. बड़ा सवाल यह है बिहार की जीत बीजेपी के लिए कितनी खास है और यह ‘मिशन बंगाल’ से कितनी जुड़ी है.
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अगले साल अप्रैल-मई 2021 में पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु, असम में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. इन पांचों राज्यों में सिर्फ असम में बीजेपी (एनडीए) की सरकार है. बिहार में अग्रेसिव कैंपेनिंग और एनडीए की जीत के बाद बीजेपी आलाकमान ने पश्चिम बंगाल पर फोकस कर दिया है. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और सीएम ममता बनर्जी के अलावा केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में लेफ्ट पार्टियों के स्ट्रांगहोल्ड में ‘मिशन इलेक्शन 2021’ को सफल बनाना बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
बंगाल के सियासी मैदान में बीजेपी-तृणमूल कांग्रेस की प्रतिस्पर्द्धा किसी से छिपी नहीं है. पीएम मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय लगातार ‘मिशन बंगाल’ के लिए काम कर रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही जेपी नड्डा बंगाल के दौरे पर बांकुड़ा में कार्यकर्ताओं को संबोधित करके ‘मिशन बंगाल’ के लिए तैयार रहने का निर्देश दे चुके हैं. लॉकडाउन के बाद बिहार के चुनावी नतीजों ने पार्टी के मनोबल को काफी ऊंचा भी किया है.
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बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पांच सीटें जीती है. सीमांचल में ओवैसी फैक्टर का खामियाजा सबसे ज्यादा राजद और कांग्रेस को उठाना पड़ा है. बिहार में जीत से उत्साहित असदुद्दीन ओवैसी ने बंगाल में भी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. ओवैसी की घोषणा से कहीं ना कहीं बीजेपी खेमा जरूर खुश हुआ होगा. बिहार में प्रचार के दौरान कांग्रेस, राजद समेत दूसरी पार्टियां ओवैसी को ‘वोटकटवा’ कहती रहीं. जबकि, ओवैसी फैक्टर ने पार्टी को पांच सीटें जिताने में मदद की.
Posted : Abhishek.