Bihar Election Update 2020: वर्चुअल मंच पर कड़ी लड़ाई, ट्विटर पर नीतीश आगे, तो फेसबुक पर तेजस्वी

Bihar Election Update 2020: नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव के ट्विटर एकांउट की तुलना करें बड़ी रोचक तस्वीर उभरी है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 20, 2020 8:10 AM
an image

Bihar Election Update 2020: (राजदेव पांडेय)बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सियासी जंग छिड़ गयी है. जंग वर्चुअल और धरातल दोनों जगह चल रही है. हालांकि सबसे बड़ी जंग ट्विटर और फेसबुक पर देखी जा सकती है. इस विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दो मुख्य दावेदार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद नेता तेजस्वी यादव के ट्विटर एकांउट की तुलना करें बड़ी रोचक तस्वीर उभरी है.

ट्विटर पर नीतीश कुमार के फॉलोअर तेजस्वी की तुलना में करीब दो गुना अधिक हैं. वही ट्वीट तेजस्वी ने उनसे कहीं अधिक किये हैं. जहां तक फेसबुक का सवाल है, यहां तेजस्वी के फॉलोअर जदयू नेता नीतीश कुमार से अधिक हैं. सोशल मीडिया के डिजिटल प्लेटफार्म पर पार्टी की लोकप्रियता से अधिक उनके शीर्ष नेताओं की लोकप्रियता दिख रही है.

Also Read: Bihar Vidhan Sabha Election 2020 :नीतीश का तेजस्वी पर वार, रोजगार देने का वादा करने वाले वेतन देने का वादा करें

वे एक तरह से ब्रांड बन गये हैं. कुल मिला कर नेताओं के फॉलोअर पार्टी के फॉलोअर्स से कहीं अधिक हैं. इससे उनकी पॉलिटिकल ब्रांड वैल्यू का अंदाजा लगाया जा सकता है. उदाहरण के लिए राजद के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर फॉलोवर की संख्या 365 हजार है. जबकि उनके नेता तेजस्वी यादव के फॉलोवर 26 लाख से अधिक है. इसी तरह जदयू के ट्विटर पर फॉलोवर की संख्या 40.7 हजार है, जबकि उनके सर्वोच्च नेता नीतीश कुमार के फॉलोवर की संख्या 60 लाख से अधिक है.

Bihar election update 2020: वर्चुअल मंच पर कड़ी लड़ाई, ट्विटर पर नीतीश आगे, तो फेसबुक पर तेजस्वी 2

प्रदेश में बनाये गये सियासी गठबंधनों की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किये गये नेताओं के ट्विटर और फेसबुक एकाउंट उनकी राजनीतिक पहुंच और लोकप्रियता जानने का अहम जरिया हो सकते हैं. हालांकि उनकी इस पॉलिटिकल ब्रांड वैल्यू को बनाने में वे मतदाता शामिल नहीं है, जो ट्विटर या सोशल मीडिया के अन्य मंचों पर मुखर नहीं होते .

इसके बावजूद उनके फॉलाेवर्स और ट्वीट की संख्या के जरिये विशेषकर पढ़े लिखे शहरी मतदाताओं में उनकी छवि और साख का आकलन आसानी से किया जा सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार की 90 फीसदी अाबादी ग्रामीण क्षेत्र की है. असली चुनौती वहीं देखने को मिलेगी.

Posted by Ashish Jha

Exit mobile version