अरवल, बिहार विधान सभा चुनाव 2020: जहानाबाद से सटे अरवल जिले दो विधानसभा अरवल और कुर्था है. अरवल को नरसंहारों की धरती कहा जाता रहा है. यहां पहले चरण में 28 अक्टूबर को मतदान है. अरवल विधानसभा में 23 और कुर्था विधानसभा क्षेत्र में 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. अरवल में इस बार महागठबंधन की ओर भाकपा माले को यह सीट मिल गई है. दूसरी ओर एनडीए की ओर बीजेपी ही चुनाव लड़ रही है. बिहार इलेक्शन 2020 से जुडी लेटेस्ट न्यूज़ के लिए बने रहे www.prabhatkhabar.com par.
बीजेपी ने भी अपने पुराने प्रत्य़ाशी चितरंजन कुमार को टिकट न देकर दीपक शर्मा पर दांव लगाया है. फिलहाल अभी अरवल विधानसभा क्षेत्र पर आरजेडी का कब्जा है. पर इसके पहले इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा था. पिछले चुनाव में जेडीयू और आरजेडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के चलते बीजेपी यह चुनाव हार गई थी. वहीं कुर्था में इस बार 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
जेडीयू ने कुर्था विधानसभा सीट से सीटींग विधायक सत्यदेव सिंह को दूसरी बार प्रत्याशी बनाया है जबकि आरजेडी ने बागी कुमार वर्मा को उम्मीदवार बनाया है. यहां मतदान सुबह सात बजे से होगा. अरवल जिले के चुनावी दंगल में इस बार बाजी किसके हाथ होगी, यह सवाल सिर्फ जिले के ही नहीं बल्कि पूरे राज्य की नजर लगी है. कभी नरसंहारों से को लेकर चर्चित रहे अरवल में माहौल बदला है. सत्ता पर काबिज होने के लिए यहां काटें की लड़ाई है. जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए और महागंटबंधन के बीच कांटे की टक्कर है.
Also Read: Sheikhpura, Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020: शेखपुरा की दोनों सीटों पर बराबर की टक्कर, जानिए क्या है राजनीतिक समीकरण
अरवल विधानसभा में कुल 2.53 लाख वोटर हैं. जिसमें 1.31 लाख यानि 51.60 प्रतिशत पुरुष और 1.21 लाख मतलब 47.71 प्रतिशत महिला वोटर हैं. यहां पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 52.78 प्रतिशत वोटिंग हई थी. इस सीट पर सबसे ज्यादा 74.33 प्रतिशत वोटिंग 1990 में हुई थी, तब 98.9 प्रतिशत पुरूषों और 42.44 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाला था. कुर्था विधानसभा 2.41 लाख वोटर है. जिसमें 1.24 लाख यानि 51.74 प्रतिशत पुरुष और 1.15 लाख मतलब 47.91 प्रतिशत महिला वोटर हैं. अब तक यहां सबसे अधिक 1990 में 73.88 प्रतिशतमतदान हुआ था.
अरवल जिले के कुल मतदाताओं का 55 फीसद हिस्सेदारी 18 से 39 वर्ष के बीच का है. ये युवा वोटर चाह लें तो जिले के अरवल और कुर्था विधानसभा क्षेत्र में चुनाव का रुख मोड़ने के लिए काफी है.जिले के कुल मतदाताओं का 55 फीसद हिस्सेदारी 18 से 39 वर्ष के बीच का है.
ये युवा वोटर चाह लें तो जिले के अरवल और कुर्था विधानसभा क्षेत्र में चुनाव का रुख मोड़ने के लिए काफी है. निर्वाचन आयोग के आंकड़े के अनुसार अरवल जिले में करीब 7301 वोटर ऐसे हैं जिसकी उम्र 80 वर्षो से अधिक हो चुकी है. उम्र की शताब्दी देख चुके करीब 242 मतदाता हैं. हालांकि मतदान के दिन तक यह संख्या बदल सकती है.
Posted By: utpal Kant