राजद से निष्कासित तीन विधायकों ने थामा जदयू का दामन

पटना : विधानसभा चुनाव के पहले बिहार की सियासत में भागदौड़ की स्थिति पैदा हो गयी है. सोमवार का दिन जदयू और राजद के लिए खास रहा. जदयू के निष्कासित मंत्री व विधायक श्याम रजक ने जहां राजद का दामन थाम लिया तो दूसरी ओर जदयू ने राजद से एक के बदले तीन विधायकों वाले अंदाज में बदला लिया. राजद छोड़कर जदयू में शामिल होने वाले तीनों विधायकों को ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार की उपस्थिति में जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी की सदस्यता देते हुए जदयू का सदस्य बना लिया गया.

By Agency | August 17, 2020 9:42 PM

पटना : विधानसभा चुनाव के पहले बिहार की सियासत में भागदौड़ की स्थिति पैदा हो गयी है. सोमवार का दिन जदयू और राजद के लिए खास रहा. जदयू के निष्कासित मंत्री व विधायक श्याम रजक ने जहां राजद का दामन थाम लिया तो दूसरी ओर जदयू ने राजद से एक के बदले तीन विधायकों वाले अंदाज में बदला लिया. राजद छोड़कर जदयू में शामिल होने वाले तीनों विधायकों को ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार की उपस्थिति में जदयू प्रदेश कार्यालय में पार्टी की सदस्यता देते हुए जदयू का सदस्य बना लिया गया.

जदयू में शामिल होनेवाले इन तीनों विधायकों को राजद ने भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसमें महेश्वर प्रसाद यादव, प्रेमा चौधरी और अशोक कुमार शामिल हैं. महेश्वर प्रसाद यादव पहले से ही पार्टी से असंतुष्ट चल रहे थे. कई बार उन्होंने पार्टी लाइन से बाहर निकल कर काम भी किया था.

गौर हो कि इससे पूर्व बिहार मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए जदयू के पूर्व नेता श्याम रजक सोमवार को अपनी पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में शामिल हो गए. पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राजद उपाध्याक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, जगदानंद सिंह और पार्टी के अन्य नेताओं की मौजूदगी में रजक राजद में शामिल हुए.

उल्लेखनीय है कि इन अटकलों के बीच कि रजक मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं और राजद में शामिल हो सकते हैं, रविवार को रजक को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के साथ ही पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें छह साल के लिए जदयू से निष्कासित कर दिया गया था. सूत्रों ने कहा कि पटना जिले के फुलवारीशरीफ से विधायक रजक को आशंका थी कि साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू द्वारा उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया जा सकता है. रजक नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री थे. वह प्रदेश की पूर्व राजद सरकार में भी मंत्री रहे थे.

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