Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020 News: महिला सशक्तीकरण के इस दौर में भी बड़ी पार्टियों से ज्यादा क्षेत्रीय पार्टियों ने महिला उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है. तभी तो जिले के कुछ सात विधानसभा की सीटों पर क्षेत्रीय दलों ने सात महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं बड़ी पार्टियों वाले महागठबंधन ने एक महिला पर भरोसा जताया है, तो एनडीए की ओर से महिला उम्मीदवारों की शून्यता बनी हुई है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 लाइव न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
हालांकि, सभी पार्टियों में महिला नेत्रियों की कमी नहीं है. फिर भी बड़ी पार्टियों में महिलाओं को टिकट देने में उदारता की कमी देखी जा रही है. महागठबंधन का प्रमुख दल राष्ट्रीय जनता पार्टी ने नोखा विधानसभा से अनीता देवी को उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, वे पिछले चुनाव में भी राजद की ही उम्मीदवार थी और जीत भी दर्ज की थी.
इसके बाद के पार्टियों की स्थिति कुछ अच्छी नहीं है. कांग्रेस को दो सीटें मिली हैं, दोनों पर पुरुष उम्मीदवार हैं, तो वाम दल को मात्र एक सीट है, जिस पर पुरुष उम्मीदवार काबिज हैं. एनडीए का प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी को जिले में दो सीटें मिली हैं, डेहरी व काराकाट. दोनों पर पुरुष उम्मीदवार हैं, तो पांच सीटों वाला जनता दल यूनाईटेड ने भी अपनी सभी सीटों पर पुरुष उम्मीदवार ही उतारे हैं, यहां महिलाओं को कोई जगह नहीं दी गयी है.
क्षेत्रीय दल जिन्होंने महिलाओं पर भरोसा जताया है, उसमें भारतीय सब लोक पार्टी व जन अधिकार पार्टी ने दो-दो महिलाओं को टिकट दिया है. इसके बाद बसपा, जनतांत्रिक विकास पार्टी, रोलासपा ने एक-एक महिला को उम्मीदवार बनाया है.
छह महिलाएं बन चुकी हैं विधायक, दो बन चुकी हैं मंत्री : 1951 से अबतक हुए विधानसभा चुनावों में मात्र छह महिलाएं ही विधायक बन सकी हैं. सासाराम, करगहर व चेनारी (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र में तो कभी कोई ऐसी महिला नेत्री चुनाव मैदान में नहीं उतरी जो दूसरे स्थान पर भी पहुंची हो. अन्य पांच विधानसभा क्षेत्रों नोखा व काराकाट से दो-दो तथा डेहरी व दिनारा से एक महिला विधायक बन चुकी हैं.
इनमें से काराकाट से 1972 में कांग्रेस की मनोरमा पांडेय 24500 वोटों से जीत दर्ज की थी और उस समय बिहार कैबिनेट में मंत्री बनी थी. इसके काफी दिनों बाद नोखा से राजद के टिकट पर वर्ष 2005 के अक्तूबर के चुनाव में विधायक बनी अनीता देवी मंत्री बनीं. वर्ष 1985 जिले की महिला नेत्रियों के लिए सबसे अच्छा वर्ष रहा था, जब कांग्रेस की टिकट पर काराकाट व नोखा से एक-एक महिला विधायक बनी थीं. इसके 20 वर्ष बाद 2005, 2010 व 2015 में एक-एक महिला अलग अलग सीटों से विधायक बनी.
निर्दलीय नौ महिलाएं : वर्तमान समय में देखा जाए, तो जिले में कुल 17 महिलाएं चुनाव मैदान में उतरी हैं. इनमें नौ निर्दलीय के रूप में चुनावी युद्ध लड़ रही हैं. सुरक्षित चेनारी विधानसभा क्षेत्र में तीन, सासाराम में तीन, करगहर में एक, दिनारा में एक, नोखा में एक, काराकाट में एक व डेहरी में एक महिला निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में आ डटी हैं.
Posted by Ashish Jha