Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020 : रजौली सीट पर 1972 के बाद नहीं हो पायी कांग्रेस की वापसी

1967 से सीटों पर आरक्षण की व्यवस्था लागू हुई. इसके बाद रजौली अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 10, 2020 8:58 AM

नवादा : रजौली में सामान्य सीट के रूप में ही लोकतंत्र की नींव पड़ी थी. वर्ष 1957 से 1962 तक यह सीट सामान्य वर्ग के लिए थी. 1967 से सीटों पर आरक्षण की व्यवस्था लागू हुई. इसके बाद रजौली अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हो गयी.

भौगोलिक दृष्टिकोण से झारखंड की सीमा से सटे रजौली का इलाका काफी महत्वपूर्ण है. यह खनिज संपदा से संपन्न है. यहां की वन संपदा ही नवादा जिले की वन संपदा है. लिहाजा जंगली इलाका होने के कारण अक्सर नक्सली गतिविधियां होती रहती है और इसे लेकर रजौली चर्चा में रहता है.

रजौली से गुजरी एनएच-31 बिहार व झारखंड सहित कई राज्यों के लिए जीवनरेखा मानी जाती है. लिहाजा इसके राजनीतिक महत्व को समझा जा सकता है. पहली बार 1957 में करायी गयी विधानसभा चुनाव में रामस्वरूप प्रसाद यादव रजौली से निर्वाचित हुए थे. यह तीन बार लगातार जीत कर कांग्रेस का झंडा बुलंद किये रखे.

इसके बाद 1967 के चुनाव में रजौली से शकुंतला देवी कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुई. 1969 के चुनाव में बाबूलाल राम बीजेएस से चुने गये. परंतु 1972 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बनवारी राम चुनाव जीत गये.

1977 में बाबूलाल निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फिर चुनाव जीते, परंतु 1980 में जेपी के टिकट पर बनवारी राम फिर चुनाव जीते और 1985 तक यही सीट पर कब्जा किये रखा. 1990 में एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर बाबूलाल चुनाव जीते, परंतु 1995 में यह जनता दल के टिकट पर निर्वाचित हुए.

वर्ष 2000 में राजद ने राजाराम पासवान को टिकट दिया और वे निर्वाचित हुए. 2005 के चुनाव में बनवारी राम बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते, लेकिन 2010 में बीजेपी ने कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा और वे निर्वाचित हुए. 2015 के चुनाव में राजद के टिकट पर प्रकाश वीर रजौली के विधायक बने.

कब कौन जीता

वर्ष जीते पार्टी वोट

2015 प्रकाशवीर राजद 70549

2010 कन्हैया कुमार भाजपा 51020

2005 बनवारी राम भाजपा 45699

2005 नंदकिशोर चौधरी राजद 34272

2000 राजाराम पासवान राजद 71589

1995 बाबूलाल राम जनता दल 45480

1990 बाबूलाल राम बीजेपी 52120

1985 बनवारी राम निर्दलीय 24992

1980 बनवारी राम जनता पार्टी 25648

1977 बाबूलाल राम निर्दलीय 42314

1972 बनवारी राम कांग्रेस 24842

1969 बाबूलाल राम बीजेएस 20241

1967 शकुंतला देवी कांग्रेस 11585 सुरक्षित

1962 रामस्वरूप प्रसाद यादव कांग्रेस 8267

1959 राम स्वरूप प्रसाद यादव कांग्रेस 9736 उ पचुनाव

1957 राम स्वरूप प्रसाद यादव कांग्रेस 9472

1952 राधाकृष्ण सिंह यादव कांग्रेस

रजौली विधानसभा क्षेत्र संख्या 235

वर्ष 2015 में मिले वोटो के आंकड़े

कुल मतदाता संख्या 2,83,937

पुरुष मतदाता 1,49,346

महिला मतदाता 34,582

विजेता प्रकाश वीर

पार्टी राजद

कुल वोट 70,549

उप विजेता अर्जुन राम

पार्टी भाजपा कुल वोट- 65,934

जीत का अंतर 4,615

वर्ष 2020 के चुनाव में इतने होंगे वोटर

कुल आबादी 4,82,575

कुल वोटर 3,29,229

पुरुष वोटर 1,69,869

महिला वोटर 1,59,359

ट्रांसजेंडर वोटर 22

सर्विस वोटर 486

रजौली सुरक्षित सीट होने के बावजूद लोगों में लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने की प्रबल इच्छा दिखती है. यहां के 47.61 फीसदी पुरुष और 54.66 फीसदी महिलाओं ने वर्ष 2015 के विधान सभा में वोट करके कुल 50.96 फीसदी वोट के आंकड़े को पार किया. हालांकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा गिरा और कुल वोट प्रतिशत 49.66 फीसदी हो गया. इसमें पुरुष वोटर 47.43 और महिला वोटर 52.03 प्रतिशत ही रहा. दोनों की चुनाव में वोटों का टर्नआउट यह बताता है कि यहां पुरुषों की बजाय महिलाएं लोकतंत्र में ज्यादा भरोसा करती है.

Posted by Ashish Jha

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