दाउदनगर : ओबरा विधानसभा क्षेत्र में साढ़े तीन दशक में पहली बार भाकपा माले का चुनाव चिह्न इवीएम पर नहीं दिखेगा. 1985 से लगातार 2015 तक भाकपा माले इस सीट से चुनाव लड़ती आ रही है .जन संघर्षों की पार्टी कही जानेवाली भाकपा माले के राजाराम सिंह ओबरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे हैं.
लगातार चुनाव में इस पार्टी को बेहतर वोट भी मिले हैं.महागठबंधन से तालमेल में यह सीट राजद के खाते में चली गयी है और 35 वर्षों में पहली बार भाकपा माले ओबरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में नहीं उतर रही है. हांलाकि, भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य व पूर्व विधायक राजाराम सिंह का कहना है कि एनडीए को शिकस्त देने के लिये उनकी पार्टी ने महागठबंधन के साथ समझौता किया है और भाकपा माले को समझौता के तहत 19 सीटें मिली हैं.
इधर इतिहास पर गौर करें तो 1985 से लगातार भाकपा माले ओबरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते आ रही है और उसके उम्मीदवार राजाराम सिंह ही रहे हैं. भाकपा माले के 1985 में गोह से उम्मीदवार रह चुके पूर्व जिला सचिव जनार्दन प्रसाद सिंह ने बताया कि उस समय में पार्टी खुले रूप से नहीं आयी थी.
मान्यता भी नहीं मिली थी.1985 में आईपीएफ ओबरा, गोह एवं औरंगाबाद से चुनाव लड़ा था. 1985 में राजाराम सिंह ने इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ कर 12515 (14.11 प्रतिशत) मत प्राप्त किया था. 1990 के चुनाव में आईपीएफ( इंडियन पीपुल्स फ्रंट )के उम्मीदवार के रूप में राजाराम सिंह ने 29048( 25.69 प्रतिशत) मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे थे.
1995 के चुनाव में भाकपा माले के राजाराम सिंह 48089 (41.13 प्रतिशत)मत प्राप्त कर विधायक निर्वाचित हुये थे. 2000 के चुनाव में राजाराम सिंह बतौर भाकपा माले उम्मीदवार 37750 (32.48 प्रतिशत) दोबारा विधायक निर्वाचित हुये थे. फरवरी 2005 के चुनाव में इन्हें 34700 मत प्राप्त हुये और दूसरे स्थान पर रहे. अक्टूबर 2005 के चुनाव में इन्हें 24023 मत प्राप्त हुये और दूसरे स्थान पर ही रहे.
लगातार दो चुनावों में हार के बाद 2010 के विधानसभा चुनाव में 18463 (14.18 प्रतिशत) मत प्राप्त कर भाकपा माले के प्रत्याशी राजाराम सिंह तीसरे स्थान पर रहे. 2015 के चुनाव में भी राजाराम सिंह 22801( 14.18 प्रतिशत) मत प्राप्त कर तीसरे स्थान पर रहे. इस प्रकार यदि देखा जाये तो भाकपा माले की इस विधानसभा क्षेत्र से मजबूत दावेदारी रही है. 1985 के चुनाव के बाद यह पार्टी लगातार दूसरे या तीसरे स्थान पर रही है.
Posted by Ashish Jha