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IRCTC/Indian Railway News : दिवाली-छठ से पहले बिहार के इन रूटों की ट्रेन में नहीं है कन्फर्म टिकट, प्रवासी मजदूर पेरशान

Bihar vidhan sabha chunav 2020, irctc Indian railways Latest : लोगों ने कहा कि वोट त हर बार देने आते थे. लेकिन, इस बार सब नेता मंत्री अपना रंग दिखा दिया. मरने के कगार पर छोड़ दिया सब

By Prabhat Khabar News Desk | October 31, 2020 1:17 PM
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IRCTC News : कोरोना वायरस के संक्रमण में कमी आने के बाद पलायन कर रहे मजदूरों को बाहर से बुलाया जा रहा है. इसके लिए ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट हो चुकी है. लेकिन, हर हाल में कंपनी के मालिकों को बुलाया जा रहा है. इसके लिए यात्री काफी परेशान है. मजदूरों व यात्रियों ने रेलवे से मांग की है कि ट्रेनों का परिचालन को और विस्तार किया जाये. अधिक से अधिक ट्रेनों को चलाया जाये. मुंबई जाने वाली पवन एक्सप्रेस से जुड़ी हर News in Hindi अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

दोपहर के करीब 2.05 बज रहा था. मुंबई जाने वाली पवन एक्सप्रेस के यात्री को बारी बारी से ट्रेनों में भेजने की तैयारी हो रही थी. पुलिस प्रवेश द्वार पर मुस्तैद थी. वहीं पर युवा व बुजर्ग का टिकट कंफर्म होने की खुशी मना रहा था. जीआरपी के हवलदार ने उससे पूछा ऐ भैया कौन प्रखंड के बा तु सब..वोट न देबे के हई की जे जाये ला बेचैन हता…

इस पर समूह का संतोष पासवान ने कहा.. भैया हम सब कमाये खाये वला आदमी हती…वोट से हमरा सब के पेट भरतई की.. भोट के चक्कर में रहम त खाये लागी तरस जायेम.. अभी त नेता गोर पकड़े आ रहल है… बाद में लात मारत.. यह बात सुनकर अगल बगल के लोगों ने उसकी बातों को सराहा… जाने वाले लोगों ने कहा कि वोट त हर बार देने आते थे. लेकिन, इस बार सब नेता मंत्री अपना रंग दिखा दिया.मरने के कगार पर छोड़ दिया सब..

दरअसल कोरोना काल के समय ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से ठप था. दूसरे राज्यों में काम ठप हो गयी. खाने पर आफत आ गया. इसलिए सभी लोग श्रमिक स्पेशल से शहर आ गये. लेकिन अब जाने का कोई उपाय नहीं था. संतोष ने कहा कि मुंबई में बैग बनाने की फैक्ट्री में काम करता है. शहर के लगभग एक सौ लोग वहां कार्यरत है .सब लोग पहले चले गये. अब करीब 50 लोग बचे है.

वोट देने के चक्कर में रूकेंगे तो शायद सब लोग भूखे मर जायेंगे. मुंबई में फैक्ट्री शुरू हो चुकी है. आज तीस लोग जा रहे है. कंपनी के मालिक ने टिकट बुक कराया है. कहा कि सभी लोग सकरा के सबहा के रहने वाले है. गांव में बाढ़ आ गया. सब फसल दुब गया. सरकार की ओर से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली. नेताओ का वादा बस कागज पर ही रहा.. कई लोगों की भूख से तबियत बिगड़ गयी थी.

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Posted by : Avinish Kumar mishra

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