गया : जिले में दस विधानसभा सीटों के लिए एनडीए और महागठबंधन के अलावा छोटी पार्टियों व निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. शेरघाटी, बेलागंज, बाराचट्टी, बोधगया व वजीरगंज विधानसभा सीटों के लिए मुकाबला दिलचस्प है.
यहां से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए सीट बचाने की भी चुनौती है. कहीं कोई अपना रिकाॅर्ड कायम रखने की कोशिश में है, तो कोई नया अध्याय शुरू करना चाहता है. इन सब के बीच कई ऐसे निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं जो किसी का खेल बिगाड़ सकते हैं.
शेरघाटी विधानसभा सीट के लिए भी मुकाबला इस बार रोचक होगा. एनडीए ने जदयू कोटे से अपने सिटिंग एमएलए विनोद प्रसाद यादव को उतारा है. वहीं दूसरी ओर राजद से मंजू अग्रवाल मैदान में हैं. मंजू अग्रवाल राजनीति में सक्रिय रही हैं, ऐसे में उनके आने से मुकाबला मजबूत हुआ है. शेरघाटी के मुकाबले को दो और प्रत्याशियों ने मजबूत कर दिया है. लोजपा ने मुकेश यादव व जन अधिकार पार्टी ने उमैर खां को मैदान में उतारा है. यह माना जा रहा है दोनों ही प्रत्याशी इस क्षेत्र में अपना बेहतर प्रभाव बनाये हुए हैं. इन चारों के अलावा सात और प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. यानी कुल 11 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
बेलागंज में भी एक रिकाॅर्ड है. 1990 से लेकर आज तक यह सीट राजद के पास है. विधायक हैं डाॅ सुरेंद्र प्रसाद यादव. 30 वर्षों के अपने रिकाॅर्ड को कायम रखने के लिए डाॅ यादव एक बार फिर मैदान में हैं. इस बार उनका मुकाबला है टिकारी से बेलागंज लड़ने आये जदयू विधायक अभय कुशवाहा से. अभय कुशवाहा का भी प्रभाव राजनीति में बेहतर है.
इस स्थिति में यहां दोनों के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है. यहां कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं,लेकिन चर्चा राजद बनाम जदयू के बीच की है. क्षेत्र में बड़े भाई और छोटे भाई को लेकर जीत के आकलन लगाये जा रहे हैं. सुरेंद्र प्रसाद यादव के लिए अपना रिकाॅर्ड बनाये रखने की चुनौती है, तो अभय कुशवाहा के लिए जीत के इस रिकाॅर्ड को तोड़ कर बिहार की राजनीति में अपनी उपस्थिति और मजबूत करने की.
बाराचट्टी विधानसभा सीट के लिए मुख्य रूप से मुकाबला राजद की समता देवी व हम की ज्योति देवी के बीच है. ज्योति देवी उर्फ ज्योति मांझी पूर्व में भी इस क्षेत्र से विधायक रही हैं. दोनों ही प्रत्याशी राजनीतिक घराने से संबंध रखती हैं. समता देवी पूर्व सांसद व विधायक भागवती देवी की बेटी हैं. वहीं दूसरी ओर ज्योति देवी पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की समधिन हैं. यहां भी लड़ाई राजनीतिक रसूख को बचाये रखने की है. बाराचट्टी विधानसभा सीट के लिए कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं.
बोधगया विधानसभा सीट के लिए कुल 17 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें मुख्य रूप से मुकाबला राजद से कुमार सर्वजीत और भाजपा से हरि मांझी हैं. कुमार सर्वजीत वर्तमान में इस सीट से विधायक हैं. क्षेत्र में उनकी मौजूदगी का प्रभाव अच्छा है.
वहीं भाजपा के उम्मीदवार हरि मांझी पूर्व में भाजपा से ही गया के सांसद रहे हैं. ऐसे में उनके पास भी क्षेत्र का ठीक-ठाक अनुभव है. बोधगया को लेकर एक और चर्चा बाजार में है, यहां के लोगों का कहना है कि बोधगया का रिकाॅर्ड रहा है कि यहां एक बार विधायक रहने वाला व्यक्ति दूसरी बार चुनाव नहीं जीत पाता है. इस स्थिति में कुमार सर्वजीत पर सभी की नजर है.
वजीरगंज विधानसभा सीट से इस बार कांग्रेस के विधायक अवधेश कुमार सिंह के पुत्र शशि शेखर सिंह मैदान में हैं. भाजपा कोटे से एक बार फिर से वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है. वे 2010 में इस सीट से विधायक रहे हैं. मुकाबला यहां भी दिलचस्प है. इस सीट के लिए भी 22 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. दिलचस्प यह भी है कि वजीरगंज से अपनी दावेदारी करने वालों में शीतल प्रसाद यादव भी हैं. शीतल प्रसाद यादव जिला पर्षद के पूर्व उपाध्यक्ष हैं और उनके पास राजनीति का लंबा अनुभव भी है.
Posted by Ashish Jha