पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की घोषणा हो चुकी है. इस बार 243 सीटों पर चुनाव होना है. 10 नवंबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम आना है. बता दें कि 1952 के चुनाव में एक रोचक घटना हुई थी, जिसमें एक ही सीट से दो विधायक चुने गए थे. यह कहानी है धमदाहा विधानसभा क्षेत्र की. आजाद भारत में पहला विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ था.
उस दौरान धमदाहा और कोढ़ा संयुक्त रूप से 111-धमदाहा सह कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र कहलाता था और यहां से एक साथ दो विधायक चुने जाते थे. 1952 में हुए चुनाव में स्व डाॅ लक्ष्मी नारायण सुधांशु एवं स्व भोला पासवान शास्त्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट से विजयी हुए थे. इस क्षेत्र में कुल 87744 मतदाता थे. स्व शास्त्री 26588 व स्व डाॅ सुधांशु को 26453 मत मिले थे.
1952 के उस चुनाव में इन दो के अलावा एक जगरूप मंडल, स्व नरसिंह ना सिंह व स्व कुमार रामप्रकाश अलग-अलग दलों के प्रत्याशी थे. जहां स्व मंडल व स्व सिंह सोस्लिस्ट पार्टी के प्रत्याशी थे. वहीं स्व प्रकाश के एमपीपी उम्मीदवार थे. पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का जुनून सर चढ़कर बोल रहा था.
तभी तो यहां 86.92 फीसदी रिकाॅर्ड मतदान हुआ. शास्त्री जी को 30.28, सुधांशु जी को 30.15, स्व मंडल को 18.72, स्व सिंह को 17.18 व स्व प्रकाश को 03.67 फीसदी मत मिले थे. इसी तरह 1957 में दूसरी बार के धमदाहा विधानसभा चुनाव में शास्त्री जी व डाॅ सुधांशु पुन: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विधायक चुने गये. इस बार यहां कुल 90663 मतदाताओं में 76.30 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
इन विजयी उम्मीदवारों के अलावा पांच प्रत्याशियों ने भी अपनी किस्मत आजमाये थे. शास्त्री जी को 27088, डाॅ सुधांशु को 26993, कालिका सिंह को 10171, रामदेव प्रसाद दास (स्वतंत्र) को 9362, नरसिंह नारायण सिंह (पीएसपी) को 8760 तथा विश्वेश्वर प्रसाद दास (स्वतंत्र) को 1896 मत मिले थे. 1962 में हुए तीसरे विधानसभा चुनाव में धमदाहा विधानसभा क्षेत्र अपने स्वतंत्र अस्तित्व में आया है यानी इसी साल धमदाहा से अलग होकर कोढ़ा नया विधानसभा क्षेत्र बना.
Posted By : Avinish Kumar Mishra