Bihar Election News 2020: एक जमाना था कि राजनेता अपने होते दूसरी पीढ़ी को चुनाव मैदान में उतारने से परहेज करते थे. रामानंद तिवारी, कर्पूरी ठाकुर बाद में रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी इससे परहेज किया, पर इस बार के विधानसभा चुनाव में नेताओं की दूसरी पीढ़ी मैदान में जम कर ताल ठोक रही है. नेता पुत्रों की धमक सभी दलों में दिखायी दे रही है. जदयू, भाजपा,राजद व कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियों में इसके कई उदाहरण सामने हैं.
कांग्रेस में नेता पुत्रों की बड़ी जमात चुनाव मैदान में कूदने को तैयार खड़ी थी, लेकिन सीटों की संख्या कम होने से कई ऐसे दुलारों की उम्मीदें धरी -की- धरी रह गयीं. इसके बावजूद सदानंद सिंह और अवधेश कुमार सिंह जैसे नेताओं ने अपने पुत्रों को पार्टी टिकट पर मैदान में उतारने में सफल रहे. नेता पुत्रों की संख्या जदयू में अपेक्षाकृत कम दिखती है. इस बार भाजपा ने भी मौजूदा किसी मंत्री या सांसद के दूसरी पीढ़ी को उम्मीदवार बनाने से परहेज किया है. रिपोर्ट : मिथिलेश
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कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह की उम्र 77 साल की हो चुकी है. उन्होंने अपने पुत्र शुभानंद मुकेश को उन्होंने अपनी सीट सौंप दी है. 42 वर्षीय शुभानंद मुकेश पिता की सीट कहलगांव से कांग्रेस उम्मीदवार हैं. टाटा कपंनी से वीआरएस लिये शुभानंद मुकेश कांग्रेस की दूसरी पीढ़ी के नेता हैं.
पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अवधेश कुमार सिंह ने इस बार खुद चुनाव मैदान में उतरने की बजाय बेटे शशिशेखर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. पार्टी ने उनके बेटे को गया जिले की वजीरगंज से उम्मीदवार बनाया है. अवधेश कुमार सिंह कांग्रेस की राजनीति में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के करीबी माने जाते रहे हैं.
कांग्रेस ने फिल्म अभिनेता और अटल बिहारी बाजपेयी कैबिनेट में मंत्री रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी दूसरी पीढ़ी को चुनाव मैदान में भेज दिया है. उनके बेटे लव सिन्हा को पार्टी ने बांकीपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है. लव सिन्हा ने अपना नामांकन का पर्चा दाखिल कर चुके हैं.
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मंडलवादी राजनीति के एक केंद्र रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव इस बार चुनाव मैदान में उतरी हैं. कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मधेपुरा जिले की बिहारीगंज विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. सुभाषिनी पहली बार चुनाव मैदान में उतरी हैं.
नीतीश सरकार में विधि मंत्री नरेंद्र नारायण यादव के दामाद निखिल मंडल को जदयू ने मधेपुरा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. निखिल मंडल के पिता भी जदयू से विधायक रहे हैं. निखिल मंडल जदयू के प्रदेश प्रवक्ता रहे हैं. पार्टी ने उन्हें पहली बार उम्मीदवार बनाया है.
राजद के नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह की दूसरी पीढ़ी चुनाव मैदान में है. राजद ने उनके बेटे रंधीर कुमार सिंह को छपरा विधानसभा की सीट पर उम्मीदवार बनाया है. श्री सिंह 2015 में भाजपा प्रत्याशी से चुनाव हार गये थे. प्रभुनाथ सिंह के भाई केदारनाथ सिंह भी बनियापुर सीट से चुनाव मैदान में हैं.
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी भी चुनाव मैदान में हैं. मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन विधान पार्षद हैं. इस बार के चुनाव में मांझी ने अपने दामाद को मखदुमपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. देवेंद्र मांझी का यह पहला चुनाव है. मांझी की समधिन भी चुनाव मैदान में हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री मो अली अशरफ फातमी के बेटे फराज फातमी दरभंगा ग्रामीण विधानसभा सीट से जदयू के उम्मीदवार हैं. फराज पिछली दफा 2015 के चुनाव में राजद से केवटी विधानसभा सीट से विधायक थे. इस बार वो राजद से जदयू में शामिल हो चुके हैं. जबकि, मो फातमी पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान जदयू में शामिल हो चुके हैं.
लोजपा के पूर्व सांसद और दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे रामचंद्र पासवान के छोटे बेटे प्रिंस राज अब सांसद हैं. समस्तीपुर की खाली सीट पर हुए उप चुनाव में प्रिंस राज को जीत मिली. अभी वे लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उनके बड़े भाई कृष्ण राज समस्तीपुर जिले के रोसड़ा विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं.
छात्र आंदोलन की उपज राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की दूसरी पीढ़ी पूरी तरह राजनीति में उतर आयी है. उनके दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव विधायक हैं. बड़ी बेटी मीसा भारती राज्यसभा की सदस्य हैं. इस बार के चुनाव में भी तेज प्रताप यादव हसनपुर सीट से और छोटे बेटे तेजस्वी वैशाली के राघोपुर सीट से उम्मीदवार हैं.
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लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की दूसरी पीढ़ी इस बार के चुनाव में धूम मचाये हुई है. उनके बेटे और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान खुद उम्मीदवार नहीं हैं पर उनकी पार्टी ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार दिये हैं. चिराग पासवान खुद जमुई लोकसभा सीट से सांसद हैं. चिराग एनडीए के साथ होने का दावा कर रहे हैं पर, जदयू के खिलाफ हैं.
लोजपा के खगड़िया से सांसद महबूब अली कैसर के बेटे युसुफ सलाउद्दीन राजद की टिकट पर सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाये गये हैं. राजनीति में युसुफ की तीसरी पीढ़ी हैं. उनके पितामह चौधरी सलाउद्दीन राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं. महबूब अली कैसार पूर्व में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं.
हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के बेटे कौशल किशोर इस बार के चुनावी अखाड़े में ताल ठोक रहे हैं. श्री आर्य को पिछले साल केंद्र सरकार ने राज्यपाल मनोनीत कर दिया. इस बार उनकी पारंपरिक सीट राजगीर सुरक्षित के लिए जदयू ने उनके बेटे कौशल किशोर को उम्मीदवार बनाया है.
देश भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा की मौत के बाद उनकी दूसरी पीढ़ी राजनीति में पूरी तरह सक्रिय है. उनके बेटे नितिन नवीन चौथी बार चुनाव मैदान में हैं. इस बार भाजपा ने उन्हें बांकीपुर विधानसभा की सीट से उम्मीदवार बनाया है. 2006 में नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा का निधन हो गया था.
राजद नेता जयप्रकाश यादव की मां और भाई विधायक हुए. अब उनकी दूसरी पीढ़ी भी राजनीति में कूद चुकी है. जयप्रकाश यादव की पुत्री दिव्या प्रकाश मुंगेर जिले की तारापुर सीट से राजद की उम्मदवार है. 28 वर्षीय दिव्या प्रकाश का यह पहला चुनाव है. जयप्रकाश यादव केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री और बांका के सांसद रहे दिग्विजय सिंह की दूसरी पीढ़ी भी चनाव मैदान में है. अंतराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रहीं श्रेयसी सिंह उनकी पुत्री हैं. हाल ही में भाजपा में शामिल श्रेयसी को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है. श्रेयसी की माता पुतुल कुमारी भी बांका से सांसद रही हैं.
सिक्किम के राज्यपाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे गंगा प्रसाद की दूसरी पीढ़ी राजनीति में स्थापित हो चुकी है. भाजपा ने उनके बेटे संजीव चौरसिया को दीघा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया हैं. संजीव 2015 के चुनाव में दीघा से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं. गंगा प्रसाद के एक बेटे विधान पार्षद भी हैं.
नीतीश सरकार में पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत की पुत्रवधू मीना कामत को जदयू ने बाबूबरही विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. कपिलदेव कामत कोरोना के कारण बीमार थे, उसी समय दल ने मीना कामत को उम्मीदवार बनाया था. अब मंत्री का निधन हो गया है और उनकी बहु चुनाव मैदान में हैं.
पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के बेटे राहुल कुमार को इस बार जहानाबाद जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में प्रत्याशी घोषित किया है. राहुल कुमार पूर्व में भी 2010 में जदयू के विधायक रह चुके हैं. 2015 में वो हम पार्टी से उम्मीदवार थे और उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था.
Posted by Ashish Jha