बोधगया/बाराचट्टी : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनजर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने धर्म एवं जात-पात की राजनीति की जगह तरक्की एवं विकास की राजनीति पर जोर देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 वर्ष के शासनकाल में लोगों को रोजगार नहीं दिया और प्रदेश के लोग शिक्षा, चिकित्सा, आजीविका के लिये राज्य से बाहर जाने को मजबूर है.
बोधगया और गया के बाराचट्टी में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘धर्म और जाति की राजनीति नहीं होनी चाहिए. केवल तरक्की की बात हो और विकास की बात हो.” रोजगार के मुद्दे पर नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा करते हुए महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा, लोग कहते हैं कि कहां से नौकरी देंगे, मैं फिर कहता हूं कि मेरी सरकार अगर बनी तो पहली कैबिनेट में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने पर मुहर लगायेंगे.”
तेजस्वी ने कहा कि आज शिक्षा क्षेत्र में पद रिक्त हैं, स्वास्थ्य, पुलिस विभाग में पद खाली है, जुनियर इंजीनियर का पद खाली है, डाक्टर-नर्स का पद रिक्त है. तेजस्वी ने कहा कि उन सभी रिक्त पदों को भरेंगे और 10 लाख लोगों को नौकरी देंगे. सोमवार को ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरियां देने के वादे पर तंज करते हुए कहा कि कुछ लोग बिना ज्ञान के ही नौकरियां देने का वादा कर रहे हैं, लेकिन कहीं ऐसा न हो कि नौकरी देने के नाम पर अपना अलग ही काम धंधा चालू कर लें.
बहरहाल, तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि 15 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, वे बताएं कि कितने लोगों को रोजगार दिया. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला और विशेष पैकेज का भी कुछ पता नहीं है. तेजस्वी ने दावा किया कि अगर उनकी सरकार बनी तब आते ही कृषि ऋण माफ करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार इस बार अच्छी शिक्षा, उत्कृष्ट स्वास्थ्य, प्रभावशाली विधि व्यवस्था, चहुंमुखी विकास, महिला सशक्तिकरण, नौकरी और रोजगार के लिए मतदान करेगा.
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