राज्य के पहले उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री अनुग्रह नारायण सिंह जब तक जीवित रहे एक ही सीट औरंगाबाद के नवीनगर सीट से जीतते रहे. आजादी के बाद प्रदेश में हुए पहले चुनाव में श्रीकृष्ण सिंह और उनके समतुल्य अनुग्रह नारायण सिंह के दोस्ती और उनके बीच राजनीतिक दूरियों के कइ किस्से मशहूर हैं.
श्रीबाबू जीवनपर्यंत प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वहीं, अनुग्रह बाबू का जब निधन हुआ तो वह राज्य के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री थे. तत्कालीन सरकार ने उनके निधन पर सात दिनों का राजकीय शोक घोषित किया था.
अनुग्रह बाबू पहली बार हुए विधानसभा के चुनाव में औरंगाबाद जिले के नवीनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और भारी मतों से जीते. दूसरी बार भी वो इसी सीट से ही चुनाव लड़े और जीते. मगर, दूसरी बार की जीत उनकी अंतिम जीत साबित हुई. चुनाव के बाद बनी सरकार में वे वित्त मंत्री बने. सरकार में उनकी हैसियत उपमुख्यमंत्री की थी. स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर उनकी कृति अधिक है.
बिहार विभूति के नाम से सुशोभित अनुग्रह बाबू बिहार प्रांत के उपप्रधानमंत्री और आजाद भारत में बिहार के उपमुख्यमंत्री समेत कई विभागों के मंत्री रहे. 1957 में उनके निधन के बाद नवीनगर विधानसभा की सीट पर उपचुनाव हुआ. इस उप चुनाव में उनके पुत्र सत्येंद्र नारायण सिन्हा विजयी हुए.
posted by ashish jha