लखीसराय. जिले के दो विधानसभा सीटों पर इस बार चुनाव में जबर्दस्त टक्कर होनेवाली है. लखीसराय में महागठबंधन की ओर से एक दर्जन से अधिक दावेदार हैं तथा अपने-अपने समीकरण से चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं.वहीं, सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में भी एनडीए की ओर से आधा दर्जन से अधिक प्रत्याशी ने अपना दावा कर रहे हैं. वहीं अगर वर्तमान में इस जिले के दोनों विधानसभा सीटों की बात की जाये ,तो लखीसराय में जहां भाजपा तो वहीं सूर्यगढ़ा में राजद का कब्जा है. वर्ष 2015 विधानसभा चुनाव में जहां राजनीतिक समीकरण अलग थे और राजद, जदयू व कांग्रेस एक साथ मिलकर मैदान में उतरे थे, वहीं इस बार भाजपा, जदयू व लोजपा एनडीए में हैं.
जिले की दो विधानसभा सीटों में सबसे महत्वपूर्ण सीट लखीसराय है क्योंकि यहां से जीते भाजपा के विधायक विजय कुमार सिन्हा वर्तमान में बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री हैं. वहीं, भाजपा की ओर से उनकी दावेदारी लगभग पक्की मानी जा रही है. हालांकि, पार्टी के कुछ पुराने नेताओं की ओर से अपनी दावेदारी को लेकर उन्हें कड़ी टक्कर भी मिल रही है. माना जा रहा है कि कुछ बागी उम्मीदवार के रूप में सामने आ सकते हैं. वहीं , महागठबंधन की बात की जाये, तो इस विधानसभा क्षेत्र से दर्जन नेता अपनी दावेदारी ठोकर रहे हैं. इसमें वर्ष 2005 में राजद से विधायक बने फुलेना सिंह के अलावा अजय सिंह, सुकूल साव, कांग्रेस से प्रो सुनील कुमार व अमरेश कुमार अनीश, रालोसपा से विनोद कुमार कुशवाहा व वीआइपी से विकास सिंह बड़हिया वाले के अलावा आधा दर्जन से अधिक उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. क्षेत्र में लगातार भ्रमण कर रहे हैं. वहीं, भाजपा व जदयू के कई बड़े नेता भी राजद के वरीय नेताओं के संपर्क में हैं कि अगर उन्हें महागठबंधन की ओर से टिकट पक्की होती है, तो तुरंत एनडीए से पाला बदलकर महागठबंधन की ओर से चुनाव लड़ेंगे.
सूर्यगढ़ा विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा, जदयू के अलावा लोजपा की भी नजर है. इस सीट पर वर्ष 1952 से अब तक लगभग सभी पार्टी को प्रतिनिधित्व का मौका मिला है. इस सीट पर अभी राजद के विधायक प्रह्लाद यादव का कब्जा है. वहीं, एनडीए में दावेदारों की फेहरिस्त लंबी है . विदित हो कि वर्ष 2015 में प्रह्लाद यादव ने भाजपा प्रत्याशी प्रेमरंजन पटेल को 29 हजार 802 मतों के विशाल अंतर से पराजित किया था. तब समीकरण अलग था. जदयू व राजद ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. वहीं वर्ष 2005 एवं 2010 में इस सीट पर भाजपा के टिकट पर प्रेमरंजन पटेल चुनाव जीते, जबकि वर्ष 2000 में राजद की टिकट पर प्रह्लाद यादव विजयी रहे थे.
नाम वर्ष पार्टी
राजेश्वरी प्रसाद 1952 कांग्रेस
कपिलदेव सिंह 1957 समाजवादी पार्टी
कपिलदेव सिंह 1962 समाजवादी पार्टी
कपिलदेव सिंह 1967 समाजवादी पार्टी
कपिलदेव सिंह 1969 समाजवादी पार्टी
सिंघेश्वर प्रसाद सिंह 1972 कांग्रेस
कपिलदेव सिंह 1977 समाजवादी पार्टी
अश्विनी कुमार शर्मा 1980 कांग्रेस
कृष्णचंद्र प्रसाद सिंह 1985 जनता पार्टी
कृष्णचंद्रव प्रसाद सिंह 1990 जनता दल
यदुवंश सिंह 1995 राजद
कृष्णचंद्र प्रसाद सिंह 2000 भाजपा
विजय कुमार सिन्हा फरवरी 2005 भाजपा
फुलेना सिंह नवंबर 2005 राजद
विजय कुमार सिन्हा 2010 भाजपा
विजय कुमार सिन्हा 2015 भाजपा
नाम वर्ष पार्टी
राजेश्वरी प्रसाद सिंह 1952 कांग्रेस
कार्यानंद शर्मा 1957 सीपीआइ
राजेश्वरी प्रसाद सिंह 1962 सीपीआइ
भागवत प्रसाद मेहता 1967 जनसंघ
सुनैना शर्मा 1969 सीपीआइ
सुनैना शर्मा 1972 सीपीआइ
रामजी महतो 1977 निर्दलीय
रामजी महतो 1980 कांग्रेस
अलख शर्मा 1985 कांग्रेस
सतीश कुमार 1990 सीपीआई
प्रह्लाद यादव 1995 निर्दलीय
प्रह्लाद यादव 2000 राजद
फरवरी प्रह्लाद यादव 2005 राजद
नवंबर प्रेमरंजन पटेल 2005 भाजपा
प्रेमरंजन पटेल 2010 भाजपा
प्रह्लाद यादव 2015 राजद
posted by ashish jha