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गठबंधन के बाद ओबरा से नहीं लड़ी भाजपा, पहले लड़ी भी तो नहीं मिली थी सफलता

पहले चार विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपना प्रत्याशी ओबरा विधानसभा क्षेत्र से उतारा था, लेकिन एक ही बार भाजपा को सफलता मिली .

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2020 6:20 AM
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दाउदनगर. अभी तक यह तो स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ओबरा विधानसभा क्षेत्र पर एनडीए गठबंधन के तीनों दलों द्वारा किस दल का प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा जायेगा, लेकिन यदि एनडीए गठबंधन के दलों की बात की जाये और पिछले नौ विधानसभा चुनाव का आंकड़ा देखा जाये तो एनडीए गठबंधन बनने से पहले चार विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अपना प्रत्याशी ओबरा विधानसभा क्षेत्र से उतारा था, लेकिन एक ही बार भाजपा को सफलता मिली .

वीरेंद्र प्रसाद सिंह भाजपा प्रत्याशी के रूप मे 30855 मत ( 41.03 प्रतिशत) मत लाकर 1980 में विधायक निर्वाचित हुये थे, लेकिन 1985 के विधानसभा चुनाव में वे रामविलास सिंह से चुनाव हार गये.लोक दल के रामविलास सिंह को 28786( 32.46 प्रतिशत) एवं भाजपा के वीरेंद्र प्रसाद सिंह को 20924(23.59 )प्रतिशत मत प्राप्त हुये.1990 में वीरेंद्र सिंह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और 25646(22.68 प्रतिशत) मत लाकर वे तीसरे स्थान पर रहे.

1995 के चुनाव में भी भाजपा यहां से लड़ी और मात्र 3241 (2.77) प्रतिशत मत ही भाजपा को मिल सका. इसके बाद से यह सीट एनडीए गठबंधन में पहले समता पार्टी और बाद में जदयू के खाते में चली गयी.वर्ष 2000 में समता पार्टी ने चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को उम्मीदवार बनाया, जिन्हें 16060 (13.85 प्रतिशत)मत प्राप्त हुये. फरवरी 2005 में से जदयू से शालिग्राम सिंह प्रत्याशी बने,जिन्हें 15993 मत प्राप्त हुये.

अक्टूबर 2005 में जदयू ने प्रमोद सिंह चंद्रवंशी को चुनाव मैदान में उतारा.वे 23315 मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे. वर्ष 2010 में एनडीए की लहर में एक बार पुनः जदयू ने प्रमोद सिंह चंद्रवंशी को ही चुनाव मैदान में उतारा, जो कांटे की टक्कर में निर्दलीय सोमप्रकाश सिंह से चुनाव हार गये.प्रमोद सिंह चंद्रवंशी को 36012 (27.65 प्रतिशत)मत प्राप्त हुये. इस प्रकार एनडीए गठबंधन बनने से पहले भाजपा ने अकेले सिर्फ एक बार जीत हासिल की है ,हांलाकि,उसके बाद भाजपा को मिले वोट का ग्राफ गिरता ही गया. गठबंधन बनने के बाद यह सीट जदयू के खाते में चली गयी. हालांकि, एनडीए गठबंधन बनने के बाद के चुनावों में भाजपा के खाते में यह सीट नहीं आ पायी.

लोक जनशक्ति पार्टी ने भी एनडीए गठबंधन में आने से पहले अपने दम पर एक बार इस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा है. अक्टूबर 2005 में ओबरा से अभिमन्यु शर्मा ने चुनाव लड़ा, जिन्हें 15834 मत प्राप्त हुये थे. अब लोगों की नजर इस बात पर टिकी हुई है कि इस विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन में यह स्थित तीनों दलों में से किसके पाले में जाती है और इस विधानसभा चुनाव में क्या प्रदर्शन रहता है.

posted by ashish jha

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